अब तक 52.27 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक

0
1396

अब तक 52.27 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक
चण्डीगढ़ : 15 नवम्बर; आरके शर्मा /करण सरमा / मोनिका शर्मा ;—- हरियाणा की मंडियों में चालू खरीफ खरीद मौसम के दौरान अब तक 52.27 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक हुई है, जिसमें से 41.86 लाख मीट्रिक टन की खरीद एजेन्सियों द्वारा की गई, जबकि गत वर्ष इसी अवधि के दौरान 39.88 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई थी।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि कुल आवक में से 44.48 लाख मीट्रिक टन ग्रेड ए व सामान्य श्रेणी की, 13,911 मीट्रिक टन से अधिक शरबती, 1.96 लाख मीट्रिक टन से अधिक मुच्छल तथा 5.89 लाख मीट्रिक टन से अधिक बासमती धान की आवक शामिल है। उन्होंने बताया कि धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ खरीद की जा रही है।
धान खरीद के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा 19.07 लाख मीट्रिक टन से अधिक, हैफेड द्वारा 14.83 लाख मीट्रिक टन से अधिक, हरियाणा कृषि उद्योग निगम द्वारा 4.33 लाख मीट्रिक टन और हरियाणा भण्डारण निगम द्वारा 3.61 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद किया जाना शामिल है।
धान आवक के बारे जिलावार जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अब तक करनाल जिला 11.30 लाख मीट्रिक टन से अधिक की आवक के साथ राज्य में अग्रणी स्थान पर है, जबकि कुरूक्षेत्र 10.07 लाख मीट्रिक टन से अधिक के साथ दूसरे स्थान पर, अम्बाला 6.68 लाख मीट्रिक टन से अधिक आवक के साथ तीसरे स्थान पर, कैथल 6.52 लाख मीट्रिक टन से अधिक के साथ चौथे, यमुनानगर 5.22 लाख मीट्रिक टन से अधिक के साथ पांचवें, फतेहाबाद 4.52 लाख मीट्रिक टन से अधिक के साथ छठे, जींद 2.20 लाख मीट्रिक टन से अधिक के साथ सातवें, सिरसा 1.73 लाख मीट्रिक टन से अधिक के साथ आठवें, पंचकूला 1.24 लाख मीट्रिक टन से अधिक के साथ नौंवें तथा पलवल 1.18 लाख मीट्रिक टन से अधिक के साथ 10वें स्थान पर बना हुआ है।
इसी प्रकार सोनीपत जिले की मण्डियों में 1.38 लाख मीट्रिक टन से अधिक, हिसार में 39,569 मीट्रिक टन, फरीदाबाद में 23,707 मीट्रिक टन, रोहतक में 21,735 मीट्रिक टन, झज्जर में 10290 मीट्रिक टन, मेवात में 4420 मीट्रिक टन तथा गुडग़ांव में 3544 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है।
उन्होंने बताया कि मानदंड पूरा करने वाली फसल के एक-एक दाने की खरीद की जा रही है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपनी फसल को सूखाकर लाएं ताकि इसके भंडारण में नमी जैसी किसी प्रकार की समस्या न आए।