अर्धसैनिक बल की तर्ज पर पुलिस जवानों को मिले  शहीद का दर्जा -देश की आंतरिक सुरक्षा में पुलिस कर्मी निभाते आ रहे अहम भूमिका

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-अद्र्धसैनिक बल को शहीद का दर्जा देने के फैसले का एसोसिएशन ने किया स्वागत

सोलन,12 दिसंबर। (धर्मपाल ठाकुर) देश सुरक्षा की खातिर अपनी जान की कोई परवाह किए बगैर विषम परिस्थितियों में ईमानदारी के साथ ड्यूटी कर रहे अद्र्धसैनिक बलों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा फौजियों की तर्ज पर शहीद का दर्जा देने के निर्णय का हिमाचल पुलिस पैंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने स्वागत किया है। एसोसिएशन अध्यक्ष धनीराम तनवर ने कहा है कि सरकार ने उक्त निर्णय लेकर देश के लाखों अद्र्धसैनिक बलों का विश्वास जीता है।

हिमाचल प्रदेश पुलिस पैंशनर्ज वैलफैयर एसोसियशन कुनिहार की बैठक शुक्रवार को प्रधान धनीराम तनवर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में समाचार पत्रों में प्रकािशत केंद्र व राज्य सरकार के उस निर्णय का स्वागत किया गया है जिसमें देश के अद्र्धसैनिक बलों को फौजियों की तर्ज पर शहीद का दर्जा प्रदान किए जाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। बैठक को संबोधित करते हुए धनीराम तनवर ने कहा कि पुलिस कर्मचारी भी फौजियों व अद्र्धसैनिक बल की तर्ज पर देश व प्रदेश की आंतरिक कानून व्यवस्था को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।

विषम परिस्थितयों में भी पुलिस बल चौबीस घंटे देश की सुरक्षा एवं जनसेवा में डटा रहता है। पुलिस कर्मचारी खुद की जान को जोखिम में डालने के बावजुद भी अपनी डयूटी पर हमेशा तत्पर रहते हैं। इसके अलावा समय-समय पर पुलिस बल को बार्डर एरिया व नक्सलवाद, माओवाद व उग्रवाद ईलाका में जान जोखिम में डालकर देश व जनता की सुरक्षा करनी पड़ती हैं। बैठक में प्रदेश सरकार से पूरजोर मांग की गई कि पुलिस कर्मचारियों को भी अद्र्धसैनिक बल व फौजियों की तरह उनकी शहादत होने पर शहीद का दर्जा प्रदान करें,ताकि पुलिस बल का भी मनोबल कायम रहें।

प्रधान धनीराम तनवर ने कहा कि एसोसियशन कई बार मांग रख चुकी है कि पूर्व फौजियों को वन रैंक पैंशन का लाभ दिया जा रहा हैं उसी प्रकार पुलिस पैंशनर्ज को भी यह लाभ प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आज तक जिन भी राजनैतिक पाटियों की सरकारें बनी हैं उन्होंने पुलिस बल की अनदेखी की है। इस बात को लेकर एसोसिएशन में रोष व्याप्त है। कुछ समय पूर्व पुलिस कर्मी को वेतन भत्ते चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के बराबर मिलते थे। इसका खामियाजा वर्तमान में पुलिस पैंशनर्ज भुगत रहे  हैं, जिन्हें अन्य पैंशनर्ज से कम पैंशन प्राप्त हो रही है।

जबकि पुलिस के बिना देश तथा प्रदेश के राजनीतिक नेता, वीआईपी अपनी जान तथा माल की सुरक्षा को खतरा समझते हैं। उन्होंने कहा कि जब आर्थिक लाभ तथा सामाजिक सम्मान देने की बात आती हैं तो राज्य सरकारों द्वारा पुलिस बल को भूला दिया जाता हैं। बैठक में सदस्य दीपराम ठाकुर, रूपराम ठाकुर, लेखराम कायथ, संतराम चंदेल, रतीराम शर्मा, अमर सिंह पाल आदि उपस्थित थें।