ईसी मेम्बर ने डकैत कहा तो कुलपति फफककर रो पड़ीं

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ग्वालियर। १० अक्टूबर [सीएन आई] जेयू द्वारा प्री एण्ड पोस्ट एग्जाम वर्क के लिये दिल्ली की जिस एजेंसी को ठेका दिया जाना हैं, इस मामले को लेकर ईसी मेम्बर अजीत भदौरिया व राज्य शासन के प्रतिनिधि देवेन्द्र कुमार ने असहमति प्रकट की। तथा फार्मेसी विभाग में एक शिक्षक की नियुक्ति करने के लिये लिफाफा खोलने पर श्री भदौरिया ने असहमति प्रकट की। जबकि ईसी मेम्बर हुकुम सिंह यादव ने वित्त के मामलों में आपत्ति दर्ज कराई। श्री भदौरिया ने 44 प्रोफेसरों की नियुक्तियों में रोटेशन का पालन नहीं करने का आरोप लगाया। इस पर ईसी मेम्बर की बात को न सुनने और तबज्जो न देने पर श्री भदौरिया ने कहा कि कुलपति और अन्य अधिकारियों ने युनिवर्सिटी में नये आयाम खड़े कर रहे हैं, जेयू को लूट का अड्डा बना दिया है। श्री भदौरिया ने कुलपति से कहा कि विवि में भ्रष्टाचार मचा हुआ है, अगर यही करना हैं तो कट्टा लेकर डकैती डालना और शुरू कर दो, कंपनी को गलत ढंग से ठेका दिया जा रहा है, मुझे अभी तक दस्तावेज नहीं दिये हैं। कोष लेखा के ज्वाँइंट डायरेक्टर देवेन्द्र गुप्ता और भदौरिया की असहमति के बाद भी कंपनी को ठेका देने का प्रस्ताव पास हो गया। भदौरिया ने प्रो. एके श्रीवास्तव पर यूसिक में बेटे की नियुक्ति कराने और रिश्तेदार को नियम विरूद्ध एडमिशन कराने को लेकर उंगली उठा दी। इस पर प्रो. श्रीवास्तव ने भी भदौरिया से कहा सुनी कर दी। डकैत कहने पर कुलपति डॉ0 संगीता शुक्ला फफककर रो पड़ीं व बीच बैठक में चली गईं। बाद में अन्य सदस्य उन्हें मनाकर लाये तब बैठक शुरू हुई। भदौरिया के जाने के बाद ईसी की बैठक में भदौरिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। इस पर भदौरिया का कहना था कि लूट का विरोध करने पर निंदा प्रस्ताव पारित किया है।ju kulpati sangita shuklaju