जानिए पेट्रोल क्यों हो सकता है सात से आठ रूपए और सस्ता !

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है। 1991 को पहला खाड़ी युद्ध शुरू होने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में यह सबसे बड़ी गिरावट है। इसकी वजह ये है कि रूस की ओर से ओपेक देशों के साथ तेल उत्पादन में कटौती पर सहमति नहीं बनने के बाद सऊदी अरब ने प्राइस वॉर छेड़ दिया। सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतों में भारी कटौती की घोषणा कर दी है। सऊदी के इस ऐलान के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 30 फीसदी तक गिर गई हैं।

सऊदी ने ऐसा क्यों किया

दरअसल, दुनियाभर में कोरोना वायरस के चलते कच्चे तेल की कीमतों में हो रही लगातार गिरावट को थामने के लिए ओपेक और सहयोगी देश तेल उत्पादन में रोजाना करीब डेढ़ मिलियन मिलियन बैरल कटौती की योजना बना रहे थे। लेकिन, रूस ने इस पर अपनी सहमति नहीं दी।

इसके बाद विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादक देश सऊदी अरब ने रविवार को कच्चे तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा कर दी। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतों में 20 साल की सबसे बड़ी कटौती की है। सऊदी ने अप्रैल डिलीवरी में सभी देशों के लिए कच्चे तेल की कीमतों में 6 से 8 डॉलर प्रति बैरल की कटौती की है।

भारतीय बाजारों पर असर

1991 के खाड़ी युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। क्रूड ऑयल की कीमत में 30 फीसदी की कमी आई है। इसका असर भारत में भी देखने को मिल रहा है। पेट्रोल का दाम आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। कच्चे तेल के दाम में 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद यह सबसे बड़ी एक गिरावट है, जो कि मुख्य रूप से सऊदी अरब द्वारा तेल का भाव घटाने के कारण आई है।

एक बैरल में 159 लीटर कच्चा तेल होता है। इस प्रकार एक लीटर कच्चे तेल का दाम करीब 13-14 रुपए आएगा, जबकि एक लीटर पानी की बोतल के लिए कम से कम 20 रुपए चुकाने पड़ते हैं। कच्चे तेल को लेकर शुरू हुए प्राइस वार और कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में सोमवार (9 मार्च) को 30 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर कच्चे तेल के मार्च अनुबंध में 997 रुपए यानी 31.56 फीसदी की गिरावट के साथ 21,62 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर ब्रेंट क्रूड के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 26.51 फीसदी की गिरावट के साथ 33.27 डॉलर पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले दाम 31.27 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा।

न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अप्रैल डिलीवरी अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के अनुबंध में 28.44 फीसदी की गिरावट के साथ 29.54 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले भाव 27.34 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था।

71 रुपए से नीचे गई है। आज दिल्ली में 70.83 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल मिल रहा है। भारतीय वायदा बाजार में कच्चे तेल की कीमत 2,200 रुपए प्रति बैरल के नीचे आ गया है।