डबरा में बिजली कंपनी अधिकारी बिगाड़ रहे माहौल, लोगों में आक्रोष।

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ग्वालियर२३ नवम्बर[ सीएनआई ] डबरा में बिजली कंपनी के नव नियुक्त सहायक यंत्री द्वारा एक समुदाय विषेष के प्रायवेट लोगों को लेकर गुंडागर्दी की स्टायल में बिजली की बकाया बसूली के नाम पर लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है और सजातीय बंधू को कनेक्षन काटने, जोड़ने का ठेका देकर जबरन लोगों के कनेक्षन काटकर जोड़ने का शुल्क 200 रूपये ठेकेदार को प्रत्येक उपभोक्ता से दिलाकर हजारों की अवैध कमाई रोजाना की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों, चीफ इंजीनियर ग्वालियर, कप्तान सिंह तथा प्रदेष के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान व ऊर्जा मंत्री से स्थानीय सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि उक्त जातिगत तनाव फैलाने वाले अधिकारी को तुरंत बर्खास्त किया जाये। बरना डबरा में कोई भी साम्प्रदायिक तनाव खड़ा हो सकता है। भाजपा नेता एवं पत्रकारों के परिजनों के खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर मामले दर्ज किये जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग को दरकिनार कर डबरा थाने में दूसरी पक्ष की रिपोर्ट नहीं ली जा रही है। क्या पुलिस थाने सिर्फ अधिकारियों की झूठी रिपोर्ट पॉवर उपभोक्ताओं के खिलाफ डालने के लिये बने हैं, यह सवाल स्थानीय लोग पूछ रहे हैं। अंग्रेजों के समय की तरह लोगों के घरों में घुसकर महिलाओं से दुर्व्यवहार, गाली-गलौज, लूटपाट की जा रही है और झूठे मामले दर्ज कराये जा रहे हैं। सरकारी कंपनी न होने पर भी स्वयं को सरकारी अधिकारी बताकर गलत पदनाम बताकर पुलिस को गुमराह कर प्रकरण दर्ज कराये जा रहे हैं। हाल ही में एक लघु उद्यमी के घर घुसकर महिलाओं से गाली-गलौज की, उद्यमी से धक्का-मुक्की की तथा रूपये लूटकर ले गये, रसीद नहीं दी। पीड़ित लघु उद्यमी पर शासकीय कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करा दिया। लघु उद्यमी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देषों के बावजूद भी नहीं ली गई। विषेषकर छोटे दुकानदारों और लघु उद्योगों को बंद कराने के लिये उक्त सहायक यंत्री सजातीय बंधुओं को लेकर डकैतों जैसी गैंग बनाकर बसूली अभियान चला रहे हैं, जिससे लोगों में शासन के प्रति आक्रोष है। आरएसएस से जुड़े लोगों को भी इस बात की जानकारी पीड़ित लोगों ने दी है, जो गंभीरता से इसकी निगरानी कर रहे हैं। जिसकी षिकायत केन्द्रीय इस्पात मंत्री और क्षेत्रीय सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर को भी पीड़ित लोगों ने की है। यदि शीघ्र ही उक्त सहायक यंत्री और अवैध ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो जन आक्रोष भड़क सकता है। लोगों का कहना हैं कि पूर्व में भी बिजली की बसूली होती थी, लेकिन साम्प्रदायिकता के आधार पर नहीं। चर्चा है कि चीफ इंजीनियर को भी गुमराह किया जा रहा है। शहर का माहौल न बिगड़े इस हेतु जिला प्रषासन और प्रदेष के मुखिया से कड़ी कार्यवाही अपेक्षित है।

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