डाॅक्टर की लापरवाही से महिला की जान जोखिम में।

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ग्वालियर।21 अगस्त (सीएनआई ब्यूरो) ग्वालियर मुख्यालय से 45 कि.मी. दूर डबरा तहसील निवासी पवन पुत्र कन्हैयालाल बाधवानी ने 7 जुलाई को अपनी पत्नी श्रीमती जिया बाधवानी को ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में प्रसव हेतु भर्ती कराया था। ड्यूटी पर तैनात महिला डाॅ0 सोनम कुलश्रेष्ठ तथा सहयोग डाॅ0 स्वाति ने महिला का आॅपरेषन कर प्रसव कराया। आॅपरेषन के 7 दिन बाद टांके खोलने व डिस्चार्ज होने के बाद पवन प्रथम पुत्र प्राप्ति को लेकर खुषी-खुषी डबरा लौट आये, परंतु उनकी खुषी उस समय परेषानी में बदल गई, जब दो दिन बाद यूरिन न रूकने के कारण महिला की हालत बिगड़ने लगी ज्यादा परेषानी होने पर ग्वालियर आकर डाॅ0 सोनम कुलश्रेष्ठ को जानकारी दी। इस पर महिला डाॅ0 ने उनके साथ बजाय सहानुभूति के बदसलूकी का व्यवहार कर डांटकर भगा दिया। महिला की हालत गंभीर होने की बजह से पूरा परिवार दो दिनों तक शहर के प्रसिद्ध डाॅक्टरों के चक्कर काटते रहे उन्हें दिखाया परंतु कोई भी प्रायवेट नर्सिंगहोम के डाॅ0 इस केस को अपने हाथ में लेने के लिये तैयार नही थे, बड़ी मुष्किल से नव जीवन हाॅस्पीटल के डाॅ0 बृजेष सिंघल ने यह केस अपने हाथ में लिया तथा 90 प्रतिषत महिला को जानलेवा खतरा बताया। आईबीटी जांच करने पर महिला डाॅ0 सोनम कुलश्रेष्ठ की लापरवाही उजागर हुई, यह बात स्वयं डाॅ0 बृजेष सिंघल ने परिवारजनों को बताई कि डाॅ0 सोनम कुलश्रेष्ठ ने आॅपरेषन होने के बाद टांके लगाने के दौरान महिला यूरिन नली में टांका लगा दिया, जो कि सात दिनांे बाद टांके खोलने पर घर पहुंचने के बाद महिला को हुई परेषान के बाद पता चला। महिला डाॅ0 सोनम कुलश्रेष्ठ की क्लीनिक में जांच में हुई लापरवाही के बारे में जानकारी दी तो डाॅक्टर ने अपनी गलती को स्वीकार किया। परंतु बात यहीं खत्म नहीं होती लाखों रूपये खर्च कर देने के बावजूद महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। डाॅ0 बृजेष सिंघल ने दूरबीन से टांके से हुये छेद को तो भर दिया लेकिन एक माह बाद महिला का आॅपरेषन होना बताया है। jah