ग्वालियर।८ दिसंबर [सीएनआई ब्यूरो] नगर पालिका डबरा अध्यक्षा श्रीमती सत्यप्रकाषी परसेंड़िया ने बाबा साहेब अम्बेडकर के 59वें महापरिनिर्वाण दिवस पर अम्बेडकर पार्क इन्दरगढ़ में मुख्यअतिथि की हैसियत से बोलते हुये कहा कि संविधान निर्माता डॉ0 भीमराव अम्बेडकर ने 1927 में छूआछूत के खिलाफ एक व्यापक आन्दोलन शुरू किया, उन्होंने सार्वजनिक आन्दोलनों और जुलूसों के द्वारा पेयजल के सार्वजनिक संसाधन समाज के सभी वर्गों के लिये खुलवाने के साथ ही उन्होंने अछूतों को भी हिन्दू मंदिरों में प्रवेष दिलाने का अधिकार देने के लिये संघर्ष किया। श्रीमती परसेंड़िया ने कहा कि दलितों को हिन्दू मंदिरों में प्रवेष करने का अधिकार बाबा साहेब की देन हैं, उन्होंने समतावादी विचारों से मानवजाति में समानता स्थापित कराई, उन्हें बौद्ध आन्दोलन को प्रांरभ करने का श्रेय भी जाता है। बाबा साहेब विष्व स्तर के विधिवेयता और संविधान के प्रमुख षिल्पकार भी थे। म.प्र. के मउ में उनका जन्म हुआ था, कड़े संघर्ष के बाद उन्होंने गरीबों, दलितों को अधिकार दिलाये, बाबा साहेब का कहना था कि षिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। इस अवसर पर कोकसिंह पटेल अध्यक्ष नगर परिषद इन्दरगढ़, जसवंत सिंह बघेल, यतेन्द्र गुर्जर, श्रीलाल केन, दीपक कुचिया, केदार सिंह, जितेन्द्र सुमन, जगदीष प्रसाद, नाहर सिंह केन, अरविंद बौद्ध, पंकज गुर्जर, रामकिषन मौर्य, सुरेष पाल आदि उपस्थित थे।
ग्वालियर।८ दिसंबर [सीएनआई ब्यूरो] नगर पालिका डबरा अध्यक्षा श्रीमती सत्यप्रकाषी परसेंड़िया ने बाबा साहेब अम्बेडकर के 59वें महापरिनिर्वाण दिवस पर अम्बेडकर पार्क इन्दरगढ़ में मुख्यअतिथि की हैसियत से बोलते हुये कहा कि संविधान निर्माता डॉ0 भीमराव अम्बेडकर ने 1927 में छूआछूत के खिलाफ एक व्यापक आन्दोलन शुरू किया, उन्होंने सार्वजनिक आन्दोलनों और जुलूसों के द्वारा पेयजल के सार्वजनिक संसाधन समाज के सभी वर्गों के लिये खुलवाने के साथ ही उन्होंने अछूतों को भी हिन्दू मंदिरों में प्रवेष दिलाने का अधिकार देने के लिये संघर्ष किया। श्रीमती परसेंड़िया ने कहा कि दलितों को हिन्दू मंदिरों में प्रवेष करने का अधिकार बाबा साहेब की देन हैं, उन्होंने समतावादी विचारों से मानवजाति में समानता स्थापित कराई, उन्हें बौद्ध आन्दोलन को प्रांरभ करने का श्रेय भी जाता है। बाबा साहेब विष्व स्तर के विधिवेयता और संविधान के प्रमुख षिल्पकार भी थे। म.प्र. के मउ में उनका जन्म हुआ था, कड़े संघर्ष के बाद उन्होंने गरीबों, दलितों को अधिकार दिलाये, बाबा साहेब का कहना था कि षिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो। इस अवसर पर कोकसिंह पटेल अध्यक्ष नगर परिषद इन्दरगढ़, जसवंत सिंह बघेल, यतेन्द्र गुर्जर, श्रीलाल केन, दीपक कुचिया, केदार सिंह, जितेन्द्र सुमन, जगदीष प्रसाद, नाहर सिंह केन, अरविंद बौद्ध, पंकज गुर्जर, रामकिषन मौर्य, सुरेष पाल आदि उपस्थित थे।