पंजाबी मातृ भाषा के लिए संघर्ष करने वालों के खिलाफ दर्ज मुकदमा रद्द किया जाए हमें पंजाबी होने पर गर्व है : नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी

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लुधियाना, 24 अक्तूबर ( सी.एन.आई ) : आज यहां जामा मस्जिद लुधियाना से नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी ने अपनी पंजाबी मातृभाषा के हक में जोरदार आवाज उठाई। उन्होनें कहा कि पंजाब भर में दिशासूचक बोर्डो पर अकाली-भाजपा सरकार के समय पर मातृ भाषा पंजाबी के साथ किए गए भेद-भाव की जितनी निंदा की जाए कम है। पंजाब में बीते कुछ दिनों से पंजाबी मातृ भाषा के सम्मान के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मातृ भाषा के लिए संघर्ष कर रहे नौजवानों पर पुलिस द्वारा दर्ज किया मुकद्दमा निंदनीय है। मौलाना उसमान ने कहा कि पंजाबी हमारी मातृ भाषा है और हमें पंजाबी होने पर गर्व है। उन्होनें कहा कि देश के सभी राज्यों में वहां की भाषाओं को प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि पंजाब जहां देश के सभी राज्यों के लोग तकरीबन व्यापार के लिए आते हैं में पंजाबी के साथ भेद-भाव किया जा रहा है। उन्होनें कहा कि ये भी अफसोस की बात है कि कुछ लोग दिशासूचक बोर्डो पर पंजाबी भाषा को प्रथम स्थान दिलवाने के लिए उठाए गए कदम को हिंदी का अपमान बता कर पंजाबी मातृ भाषा के संघर्ष को रोकना चाहते है। उन्होनें कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है लेकिन सबसे पहले मातृ भाषा पंजाबी को ही लिखा जाएगा और हमें यह अधिकार संविधान ने दिया है। मौलाना उसमान लुधियानवी ने कहा कि पंजाबी मातृ भाषा के लिए जो भी लोग संघर्ष करेंगे हम उनके साथ है। उन्होनें कहा कि मातृ भाषा ही कौमों के वजूद को जिंदा रखती है। पंजाबी मातृ भाषा की रक्षा करना प्रत्येक पंजाबी पर फर्ज है। इस संघर्ष को किसी भी धर्म या जाति के साथ जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। उन्होनें कहा कि जिन्हें पंजाबी नहीं अच्छी लगती या वो चाहते है कि पंजाब में पंजाबी को पहला स्थान ना दिया जाए तो ऐसे लोगों को चाहिए कि वह पंजाब को छोड़ कर किसी ऐसे स्थान पर जाए जहां की भाषा उनकों अपनी मातृ भाषा लगती है।