पंजाब में हुए नौ हिन्दु नेताओं के कत्लेआम के लिए इंटैलीजैंसी जिम्मेवार: एसएमपीसी

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बरनाला, 16 अक्टूबर (अखिलेश बंसल/विपन गुप्ता) पंजाब में जिन नौ हिन्दु नेताओं के कत्लेआम हो चुके हैं, उसके लिए प्रशासन/इंटैलीजैंसी जिम्मेवार है। पंजाब के हालातों को काबू में नहीं करने को लेकर लापरवाह रहे अधिकारियों को तुरन्त बर्खास्त कर देना चाहिए। यह बात शिरोमणी मंदिर प्रबन्धक कमेटी (एसएमपीसी) के अध्यक्ष एडवोकेट करन अवतार कपिल ने प्रेसवार्ता के दौरान कही है। इस मौके उनके साथ संगठन के पहली कतार के पदाधिकारी हर्ष कुमार वासू, कुनाल रिखी भी थे। एसएमपीसी अध्यक्ष एडवोकेट करन अवतार कपिल ने बताया कि पंजाब राज्य में ३३ फीसदी हिन्दु अल्पसंख्यक हैं, और आने वाले समय में उनका रहना किसी खतरे से कम नहीं। साल 1984 से लेकर आज तक हजारों हिन्दुओं का कत्लेआम हो चुका है। किसी ने उनकी आवाज राजसभा या लोक सभा में नहीं उठायी। जिसके बारे में
राज्य के राज्यपाल से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र भेजे जा चुके हैं। उन्होंने आगाह किया कि जो हालात तत्कालीन पैदा हुए थे वही दौर फिर से शुरू हो चुका है। जिस पर सरकारें व संबंन्धित विभागों के अधिकारी पर्दा डालते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश की अखंडता और एकता के लिए खतरनाक विचारधारा रखने वाली देशविरोधी ताकतें जिनमें सिमरनजीत सिंह मान भी एक हैं जिसने हिन्दु व सिक्खों के बीच दंगे भडक़ाने की कोशिशें की हैं। उस सिमरनजीत सिंह मान के खिलाफ मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्दर सिंह के साथ रिश्तेदारी होने के कारण आज तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है। ना ही सरकारी अधिकारियों द्वारा डर के मारे कोई कार्यवायी अमल में लायी जा सकी है।उन्होंने पंजाबी के एक समाचार पत्र में 20 सितंबर 2016 को प्रकाशित खबर का हवाला भी दिया। जिसमें मान ने पाकिस्तान के पक्ष में और हिन्दु विरोधी
ब्यानबाजी की थी, जो कि देश की एकता पर शरेआम प्रहार है। एडवोकेट कपिल ने हैरानी व्यक्त करते बताया कि सिमरनजीत सिंह मान के खिलाफ भारतीय चुनाव आयोग नयी दिल्ली, गृह मंत्रालय दिल्ली, चीफ सैक्रेटरी पंजाब, होम सैक्रेटरी पंजाब, डीजीपी पंजाब पुलिस को सबूतों समेत शिकायतें लिखी जा चुकी हैं, जिसे करीब एक साल हो चुका है, जो डर के मारे बेतुके जवाब दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के हालातों को समय के रहते काबू करने के लिए शिरोमणी मंदिर प्रबन्धक कमेटी (एसएमपीसी) न्यायालय में जाएगी और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर आन्दोलन करेंगे। जिसके लिए जलिद ही दिल्ली में अहम बैठक बुलाई जाएगी।