पराल गांव के उक्त दोनों वार्ड में योजना के 18 वर्षों बाद भी पाइपलाइन नहीं बिछाया जाना विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह

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इंदौरा 21 दिसंबर (गगन ) देश को आजाद हुए 68 से अधिक वर्षों में कई सरकारें आईं गईं और विकास के बड़े बड़े दावे भी किए जाते रहे लेकिन इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के मण्ड क्षेत्र के गांव पराल के लोगों की पेयजल समस्या के समक्ष विकास के हर तरह के दावे खोखले नजर आते हैं क्योंकि उक्त गांव के वार्ड नंबर 3 व 4 के लगभग 1169 लोगों को आज तक विभाग द्वारा पेयजल सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है। गौर हो कि वर्ष 1997 में उक्त गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कर कमलों द्वारा पेयजल योजना मलकाना ढसोली पराल 1 – 2 का लोकार्पण किए जाने के बावजूद भी पराल गांव के उक्त दोनों वार्ड में योजना के 18 वर्षों बाद भी पाइपलाइन नहीं बिछाया जाना विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। यहां के लोग आज भी दूर दराज से पानी लाने के लिए मजबूर हैं। गांव के प्रधान केवल कुमार उर्फ फौजी ने बताया कि विभाग को कई बार समस्या से अवगत करवाए जाने के बावजूद भी विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी और गांववासियों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। वहीं इस समस्या को लेकर पराल गांव के लोगों ने रविवार को समस्या से निजात न दिलाने के लिए स्थानीय विधायक व संबंधित विभाग के विरुद्ध रोष प्रदर्शन किया। पराल गांव के वार्ड नंबर 3 के ओंकार सिंह, बहादुर सिंह, करनैल सिंह, शाम लाल, सुरजीत कौर, हरबंस कौर, सृष्टा देवी, किरण, प्रमिला देवी, रानी देवी, रत्नो देवी, कमलेश व वार्ड नंबर 4 के हंस राज, जोगिंदर सिंह, दर्शन सिंह, त्रिलोचन सिंह, स्वर्ण सिंह, तीर्थो देवी, सरोज सहित अन्य लोगों ने कहा कि विधानसभा चुनावों के समय विधायक के समक्ष भी समस्या को रखा गया था लेकिन विधायक ने भी लोगों की समस्याओं का कोई हल नहीं किया जिससे लोग विधायक से रुष्ट नजर आए। वहीं लोग उक्त पेयजल योजना की तालाबंदी करने पर तुले हुए थे जिन्हें जिला परिषद सदस्य अश्वनी कटोच उर्फ मिंटू ने शांत करवाया। लोगों ने जिला परिषद सदस्य अश्वनी कटोच उर्फ मिंटू को भी पेयजल संबंधी समस्या से अवगत कराया। इस अवसर पर लोगों ने पंचायत प्रधान के माध्यम से लिखित शिकायत पत्र दिया और कहा कि वे अपने स्तर पर उक्त गांव के लोगों की पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रयास करें।
“ लोगों की यह समस्या मेरे ध्यान में है। विभाग द्वारा लोगों को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आने वाले खर्चे का प्रस्तावित आकलन लगाकर नाबार्ड में भेज दिया गया है। जैसे ही मंजूरी आती है, काम शुरू कर दिया जाएगा।” ए. एस. चड्ढा, अधिशाषी अभियंता, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग मण्डल, इंदौरा
“ लोगों ने अपनी समस्या मुझे बताई है। बड़े आश्चर्य की बात है कि आजादी के इतने सालों के बाद भी किसी गाँव के लोगों को दूर दराज से पानी ढोना पड़ता है। अभी चुनावों का समय है जिसके चलते मैं कोई भी राशि नहीं दे सकता लेकिन चुनावों के बाद मैं निजी तौर पर समस्या का हल करने के लिए वचनबद्ध हूँ।” अश्वनी कटोच उर्फ मिंटू, जिला परिषद सदस्य
“ जिला में आचार संहिता के चलते किसी भी तरह का बजट किसी भी गांव को जारी नहीं किया जा सकता। चुनावों के बाद लोगों की समस्या का हल किया जा सकता है।” रितेश चौहान, जिलाधीश कांगड़ा।
पराल गांव के लोग जिला परिषद सदस्य अश्वनी कटोच उर्फ मिंटू को अपनी पेयजल समस्या के समाधान के लिए प्रार्थना पत्र देते हुए।