लुधियाना 9 नवम्बर (सी एन आई) लुधियाना श्री प्रेम धाम में आयोजित सत्संग के दौरान गुरुदेव मुकेशानंद गिरी जी महाराज ने उपस्थित जनसमूह को मदिरा-मांस का सेवन छोड़ शाकाहार अपना कर सदाचारी जीवन व्यतीत करने का मश्विरा दिया। जीव हत्या व नशा करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ सकता है। उसे कदम-कदम पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। न तो वह अपना जीवन सफल कर पाता है और न ही परिवार का। नशे में व्यक्ति सही के बजाए हर कार्य गलत करता है। वहीं मास का सेवन करने से हुई भ्रष्ट बुद्धि इंसान की सोचने की शक्ति छीन लेती है। इसलिए जल्द से जल्द मदिरा व मांस के सेवन का त्याग कर सुखी जीवन व्यतीत करें। नशे से होने वाले नुक्सान से अवगत करवाते हुए गुरुदेव ने कहा कि नशे के सेवन से मनुष्य का विवेक शून्य हो जाता है, जिससे उसकी आंखों से मां, बहन, बेटी की पहचान समाप्त हो जाती है। परिणाम स्वरुप नशा करने वाले इंसान से हैवान बन जाता है। मास के सेवन से मनुष्य के अंदर हिंसक प्रवृत्ति आती है। दया का आलोप हो जाती है। दया के लुप्त होते ही इंसान पतन शुरु हो जाता है। सदाचार समाप्त हो जाता है। शाकाहार ही सदाचार का आधार है। अगर हम शाकाहार बनकर मांस को त्याग दे तो बेजुबानों का वध अपने आप बंद हो जाएगा। इससे पूर्व श्री प्रेम दाम संकीर्तन मंडल ने हरिनाम का गुणगान किया। सामूहिक आरती के साथ साप्साहिक सत्संग को विश्राम दिया गया। गुरु का अटूट लंगर लगाया गया। इस अवसर पर बाबा गोपाल दास,पंडित सोहन लाल,बाबा दीपक,एम्.एल.मोदी,मनमोहन मित्तल,सुदेश गोयल,रवि गोयल,विनोद गोयल,प्रेम सिंगला,अनिल धमीजा,नरिंदर गुप्ता,अशोक गर्ग,राजिंदर मिगलानी,कुमार रोहित,दविंदर कुमार,अमनदीप सिंह,दीपक वर्मा,सतनाम सिंह,अशोक शर्मा,रूबी ठाकुर,राजीव शर्मा,मनोज शर्मा,नितेश कपूर,पंकज गर्ग इत्यादि उपस्थित थे
लुधियाना 9 नवम्बर (सी एन आई) लुधियाना श्री प्रेम धाम में आयोजित सत्संग के दौरान गुरुदेव मुकेशानंद गिरी जी महाराज ने उपस्थित जनसमूह को मदिरा-मांस का सेवन छोड़ शाकाहार अपना कर सदाचारी जीवन व्यतीत करने का मश्विरा दिया। जीव हत्या व नशा करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ सकता है। उसे कदम-कदम पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। न तो वह अपना जीवन सफल कर पाता है और न ही परिवार का। नशे में व्यक्ति सही के बजाए हर कार्य गलत करता है। वहीं मास का सेवन करने से हुई भ्रष्ट बुद्धि इंसान की सोचने की शक्ति छीन लेती है। इसलिए जल्द से जल्द मदिरा व मांस के सेवन का त्याग कर सुखी जीवन व्यतीत करें। नशे से होने वाले नुक्सान से अवगत करवाते हुए गुरुदेव ने कहा कि नशे के सेवन से मनुष्य का विवेक शून्य हो जाता है, जिससे उसकी आंखों से मां, बहन, बेटी की पहचान समाप्त हो जाती है। परिणाम स्वरुप नशा करने वाले इंसान से हैवान बन जाता है। मास के सेवन से मनुष्य के अंदर हिंसक प्रवृत्ति आती है। दया का आलोप हो जाती है। दया के लुप्त होते ही इंसान पतन शुरु हो जाता है। सदाचार समाप्त हो जाता है। शाकाहार ही सदाचार का आधार है। अगर हम शाकाहार बनकर मांस को त्याग दे तो बेजुबानों का वध अपने आप बंद हो जाएगा। इससे पूर्व श्री प्रेम दाम संकीर्तन मंडल ने हरिनाम का गुणगान किया। सामूहिक आरती के साथ साप्साहिक सत्संग को विश्राम दिया गया। गुरु का अटूट लंगर लगाया गया। इस अवसर पर बाबा गोपाल दास,पंडित सोहन लाल,बाबा दीपक,एम्.एल.मोदी,मनमोहन मित्तल,सुदेश गोयल,रवि गोयल,विनोद गोयल,प्रेम सिंगला,अनिल धमीजा,नरिंदर गुप्ता,अशोक गर्ग,राजिंदर मिगलानी,कुमार रोहित,दविंदर कुमार,अमनदीप सिंह,दीपक वर्मा,सतनाम सिंह,अशोक शर्मा,रूबी ठाकुर,राजीव शर्मा,मनोज शर्मा,नितेश कपूर,पंकज गर्ग इत्यादि उपस्थित थे