राजस्थान में अफराजुल के कत्ल पर केंद्र सरकार की खामोशी हैरत अंगेज, लवजिहाद के झूठे आरोपों पर कत्लेआम बंद करो : शाही इमाम पंजाब

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लुधियाना, 9 दिसंबर ( सी एन आई ) : राजस्थान के जिला राजसमंद में बीते दिन 50 वर्षीय अफराजुल को कत्ल करके जलाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए स्वतंत्रता संग्राम की पार्टी मजलिस अहरार के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवीं ने कहा कि संप्रदायिकता को घरेलू आतंक की तरफ ले गई इस घटना केंद्र सरकार की खामोशी हैरतअंगेज है। शाही इमाम ने कहा कि देश में आए दिन एक दूसरे के खिलाफ धर्म के आधार पर किए जा रहे कत्ल भारतीय संस्कृति पर धब्बा लगा रहे है। उन्होनें कहा कि अफराजुल को कत्ल करने से पहले आरोपी ने वीडियो में लवजिहाद के नाम लिया, ताकि उसका जुर्म दुनिया की निगाह में छिप जाए। लेकिन हकीकत तो यह है कि एक 50 वर्षीय मजदूर जो कि अपनी बेटियों को भी विवाह कर चुका हो, को सिर्फ इसलिए कत्ल किया गया ताकि आरोपी अपनी जनूनी धार्मिक कट्टरता दिखा कर देश में दहशत का माहौल पैदा कर सके। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान ने कहा कि इस क्रूर कत्ल के बाद केंद्र सरकार व देश के सभी राजनेता जो कि छोटी-छोटी घटनाओं पर भी शोर मचाना शुरु कर देते है कि खामोशी निंदनीय है। देश में अल्पसंख्यक समुदाय को डराने के लिए शुरु किया गया ये नया कत्ल का खेल समाज को अराजकता की तरफ धकेल रहा है। शाही इमाम ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में दरार पैदा कर रही है, लेकिन धर्म के नाम कत्ल करने वाले इस खाम-ख्याली में न रहे कि वह किसी एक समुदाय को डरा देगें। शाही इमाम ने कहा कि बीते कुछ वर्षो से देश में अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी के मुद्दों को भुलाने के लिए भी कट्टरता फैलाई जा रही है। उन्होनें कहा कि भारत और मुस्लिम समुदाय ऐसी घटनाओं के बाद डरने की वजाय अपने धर्म पर पहले से भी ज्यादा मजबूत हुआ है। शाही इमाम ने कहा कि इन सभी घटनाओं में एक बात समान्य है कि अब तक देश में जिन भी लोगों को भीड़ और कट्टरपंथियों ने कत्ल किया है। उन सब का सबंध गरीब घरों से था क्योंकि अत्याचार करने वाले ये काम मीडिया में आने के लिए करते है और हमेशा साफ्ट टारगेट ढूंढते हैं ताकि उन्हे बाद में कानून के शिकंजे से बचने में आसानी रहे। शाही इमाम ने कहा कि दुख की बात यह है कि जब इतिहास लिखा जाएगा तो आज के समय जब पूरा विश्व प्रगति की ओर बढ़ता नजर आएगा तो उसमें हम धार्मिक कट्टरता के तौर पर पहचाना जाएगा।