अपनी ही नाबालिग पुत्री के साथ पिता पर दुष्कर्म करने का था आरोप lदुष्कर्मी को आजीवन कारावास l

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मऊ 16 दिसंबर (मोहमद आरिफ ) अपनी ही नाबालीक बेटी के साथ दुराचार करने का आरोप साबित होने पर अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट धर्मेन्द्र पाण्डेय ने बुधवार को पिता को उम्रकैद की सजा सुनायी। मामले का मुकदमा आरोपी की पत्नी के द्वारा ही दर्ज कराया गया था। मामला थाना सरायलखंसी से सम्बन्धित एक गांव का है। इस मामले में 30 मार्च 2015 को आरोपी राजकुमार की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग लड़की जो कक्षा 7 की छात्रा है के साथ पिछले 6 माह से उसका पिता राजकुमार दुष्कर्म कर रहा था। जब उसकी पुत्री ने शिकायत किया तो राजकुमार ने दुबारा ऐसा न करने की बात कही। लेकिन वह नहीं माना और फिर उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। जिसके सम्बन्ध में राजकुमार की पत्नी ने अपने मायके वालो से भी शिकायत किया। 28 मार्च 2013 की रात में 12 बजे राजकुमार पुन: अपनी पुत्री के साथ जबरदस्ती करने लगा। इसी बीच उसकी पत्नी की आंख खुल गयी। जिसके बाद राजकुमार ने अपनी पत्नी और पुत्री को जान से मारने की धमकी दिया। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने वादिनी सहित सात गवाह पेश किये। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किये गये साक्ष्यों का अवलोकन करने और दोनो पक्षों के तर्को को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर राजकुमार को दोषी करार दिया और भादवि की धारा 376 के तहत आजीवन कारावास व बीस हजार रुपये की अर्थदण्ड, अर्थदण्ड न अदा करने पर दो साल का अतिरिक्त कारावास तथा भादवि की धारा 506 के तहत दो वर्ष का कारावास व चार हजार रुपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड न अदा करने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा से दण्डित किये जाने का निर्णय खुले न्यायालय में सुनाया और कहा कि सभी सजायें एक साथ चलेगी।