अमृतसर 25 जनवरी (गिल धर्मवीर) अमृतसर में द ग्रेट खली दिलीप सिंह रंजीत ऐवेन्यू के बी-ब्लॉक स्थित कैन ¨वग्स कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे इस अवसर पर द ग्रेट खली दिलीप सिंह ने कहा देश में सिर्फ पंजाब ही नहीं हिंदुस्तान के हरेक प्रांत में नशे का प्रकोप जारी है, जिससे निपटने के लिए खेलों को प्रोत्साहित करना समय की मुख्य जरूरत है। युवाओं को नशे की दलदल से बाहर निकालने और उन्हें खेलों की तरफ आकर्षित करने के लिए जगह-जगह अखाड़े व स्टेडियम बनाए जाएं, तो हरेक बच्चा खेलों की तरफ ध्यान देगा और वह नशे का इस्तेमाल नहीं करेगा उन्होंने कहा कि हरेक माता-पिता चाहता है कि उनका बच्चा स्पोर्ट्स की तरफ जाए, मगर सही प्लेटफार्म न मिलने की वजह से बच्चे नशे की तरफ जाते हैं। खली ने कहा कि नशे की वजह से सिर्फ उस बच्चे का ही नुक्सान नहीं होता, उस में पूरे परिवार को ही दिक्कत से गुजरना पड़ता है और नुक्सान से बचने के लिए नशा न करते हुए खेल के मैदान में अपना दम दिखाना चाहिए, जिसके लिए देश की सरकारें प्रयास करें, तो देश का भविष्य उज्जवल हो सकता है। क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों पर भी ध्यान दें खली ने कहा कि देश के युवाओं को पहलवानी से जोड़ने के लिए जालंधर में सीडब्ल्यूडब्ल्यू रेसलिंग अकेडमी खोली है, जिस पर जीवन की सारी पूंजी खर्च कर दी है। देश भर से 250-300 बच्चे रेसलिंग के टिप्स हासिल कर रहे हैं, जो अपने बलबूते पर चलाई जा रही है। यदि सरकार उनका साथ दे, तो देश की हर स्टेट की हर डिस्ट्रिक्ट में रेसलिंग अकेडमियां खोलना आसान हो जाएगा, उनकी अकेडमी में पंजाब के साथ-साथ उत्तर प्रदेश (यूपी), मध्य प्रदेश (एमपी), महाराष्ट्र, हरियाणा आदि के बच्चे रेसलिंग की ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं। खली ने बताया कि साल-2000 में अमेरिका जाकर रेसलिंग की बारीकियां सीखीं थी, जिसके बाद मन में सोचा कि अपने देश की युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए हिंदुस्तान जाकर रेस्लर तैयार करूंगा।
अमृतसर 25 जनवरी (गिल धर्मवीर) अमृतसर में द ग्रेट खली दिलीप सिंह रंजीत ऐवेन्यू के बी-ब्लॉक स्थित कैन ¨वग्स कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे इस अवसर पर द ग्रेट खली दिलीप सिंह ने कहा देश में सिर्फ पंजाब ही नहीं हिंदुस्तान के हरेक प्रांत में नशे का प्रकोप जारी है, जिससे निपटने के लिए खेलों को प्रोत्साहित करना समय की मुख्य जरूरत है। युवाओं को नशे की दलदल से बाहर निकालने और उन्हें खेलों की तरफ आकर्षित करने के लिए जगह-जगह अखाड़े व स्टेडियम बनाए जाएं, तो हरेक बच्चा खेलों की तरफ ध्यान देगा और वह नशे का इस्तेमाल नहीं करेगा उन्होंने कहा कि हरेक माता-पिता चाहता है कि उनका बच्चा स्पोर्ट्स की तरफ जाए, मगर सही प्लेटफार्म न मिलने की वजह से बच्चे नशे की तरफ जाते हैं। खली ने कहा कि नशे की वजह से सिर्फ उस बच्चे का ही नुक्सान नहीं होता, उस में पूरे परिवार को ही दिक्कत से गुजरना पड़ता है और नुक्सान से बचने के लिए नशा न करते हुए खेल के मैदान में अपना दम दिखाना चाहिए, जिसके लिए देश की सरकारें प्रयास करें, तो देश का भविष्य उज्जवल हो सकता है। क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों पर भी ध्यान दें खली ने कहा कि देश के युवाओं को पहलवानी से जोड़ने के लिए जालंधर में सीडब्ल्यूडब्ल्यू रेसलिंग अकेडमी खोली है, जिस पर जीवन की सारी पूंजी खर्च कर दी है। देश भर से 250-300 बच्चे रेसलिंग के टिप्स हासिल कर रहे हैं, जो अपने बलबूते पर चलाई जा रही है। यदि सरकार उनका साथ दे, तो देश की हर स्टेट की हर डिस्ट्रिक्ट में रेसलिंग अकेडमियां खोलना आसान हो जाएगा, उनकी अकेडमी में पंजाब के साथ-साथ उत्तर प्रदेश (यूपी), मध्य प्रदेश (एमपी), महाराष्ट्र, हरियाणा आदि के बच्चे रेसलिंग की ट्रेनिंग हासिल कर रहे हैं। खली ने बताया कि साल-2000 में अमेरिका जाकर रेसलिंग की बारीकियां सीखीं थी, जिसके बाद मन में सोचा कि अपने देश की युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए हिंदुस्तान जाकर रेस्लर तैयार करूंगा।