अमेरिका ने कहा नेपाल नए संविधान के लिए समर्थन हासिल करने के लिए शांतिपूर्ण प्रक्रिया अपनाए

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चंपरण 4 नवंबर (नवेन्दु सिंह) अमेरिका ने कहा है कि नेपाल नए संविधान के लिए वह नए संविधान के लिए यथासंभव अधिक से अधिक समर्थन हासिल करने में मददगार किसी भी समझौते पर पहुंचने के लिए शांतिपूर्ण प्रक्रिया अपनाए। अमेरिका ने नेपाल को यह नसीहत भारत-नेपाल सीमा पर नेपाली पुलिस की फायरिंग में एक भारतीय की मौत के एक दिन बाद दी।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता एलिजाबेथ ट्रुडो ने बीरगंज सीमा शुल्क चौकी के निकट प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की फायरिंग में मारे गए बिहार के रक्सौल निवासी आशीष राम के परिवार वालों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका नेपाल में स्थिति पर नजदीक से नजर रख रहा है।

एलिजाबेथ ने कहा, “हमें (हिंसा की) रिपोर्टों के बारे में जानकारी है। हम नेपाल में स्थिति पर नजदीक से नजर रख रहे हैं। हम मृतक के परिजन एवं प्रियजन के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हैं। हम सभी नेपालियों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे शांतिपूर्ण एवं अहिंसक उपायों के जरिये लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होना जारी रखें। हम नेपाली सुरक्षा बलों से अपील करते हैं कि वे लोगों द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग किए जाने पर उचित संयम बरतें। हम नेपाली नेताओं से यह अपील करते हैं कि वे ऐसे समझौते पर पहुंचे जो संविधान के प्रति यथासंभव अधिक से अधिक समर्थन का निर्माण करे।

नए संविधान के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान नेपाल पुलिस ने सोमवार को गोलीबारी की। इस गोलीबारी के दौरान आशीष राम के सिर में गोली लगने से उसकी मौत हो गई। मधेसी खुद को नेपाल के तराई क्षेत्र में भारतीय मूल के लोगों का प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं और वे रक्सौल के नजदीक मुख्य व्यापार केंद्र के पास प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके आंदोलन से आवश्यक सामान की आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे नेपाल में ईंधन की काफी कमी हो गई है।

मधेसी मोर्चे की मुख्य मांगें हैं कि संघीय प्रांतों का फिर से सीमांकन किया जाए और भारतीय मूल के मधेशी लोगों के और अधिकारों और प्रतिनिधित्व को संविधान में शामिल किया जाए। उनकी अन्य मांगों में शामिल है कि हाल के प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाए, घायल लोगों का नि:शुल्क इलाज हो, पीड़ितों के परिजन को मुआवजा दिया जाए और तराई जिलों से सुरक्षा बलों को हटाया जाए।