ग्वालियर।३०सितम्बर [सीएनआई] डबरा नगर के बीचों-बीच प्रदेष में अकेला अमोनिया का बर्फखाना जिला प्रषासन की आंखों में धूल झोंककर चल रहा है, इससे कभी भी अमोनिया गैस रिसने से आसपास के तीन स्कूलों के 5 हजार बच्चों का जीवन खतरे में बना हैं, पेटलावद से भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है, लेकिन कई बार स्थानीय समाजसेवी लोगों और पत्रकारों द्वारा षिकायत करने पर कारखाना संचालक द्वारा पैसे और प्रभाव की दम पर प्रषासन को गुमराह कर दिया जाता है और कभी भी भोपाल गैस कांड जैसा कांड डबरा में हो सकता है। ठाकुर बाबा रोड़, कमल टॉकीज रोड़, सुमंगला स्कूल, शारदा स्कूल, संत कंवरराम स्कूल कॉलेज एवं बस्ती के सैकड़ों घरों का जीवन हमेषा खतरे में बना रहता है। पूर्व में कई बार गैस रिसने की षिकायत से खांसी और दम घुटने की षिकायत मोहल्लेवासियों ने की है। परंतु षिकायतों को दबा दिया जाता है। चांदी की चकाचोंध में जांच करने वाले अधिकारियों को कुछ नहीं दिखता।
ग्वालियर।३०सितम्बर [सीएनआई] डबरा नगर के बीचों-बीच प्रदेष में अकेला अमोनिया का बर्फखाना जिला प्रषासन की आंखों में धूल झोंककर चल रहा है, इससे कभी भी अमोनिया गैस रिसने से आसपास के तीन स्कूलों के 5 हजार बच्चों का जीवन खतरे में बना हैं, पेटलावद से भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है, लेकिन कई बार स्थानीय समाजसेवी लोगों और पत्रकारों द्वारा षिकायत करने पर कारखाना संचालक द्वारा पैसे और प्रभाव की दम पर प्रषासन को गुमराह कर दिया जाता है और कभी भी भोपाल गैस कांड जैसा कांड डबरा में हो सकता है। ठाकुर बाबा रोड़, कमल टॉकीज रोड़, सुमंगला स्कूल, शारदा स्कूल, संत कंवरराम स्कूल कॉलेज एवं बस्ती के सैकड़ों घरों का जीवन हमेषा खतरे में बना रहता है। पूर्व में कई बार गैस रिसने की षिकायत से खांसी और दम घुटने की षिकायत मोहल्लेवासियों ने की है। परंतु षिकायतों को दबा दिया जाता है। चांदी की चकाचोंध में जांच करने वाले अधिकारियों को कुछ नहीं दिखता।