अरोमा में एग्जिबिशन आयोजकों के चेहरे खिले तो पार्टीसिपेंटस के बुझे
चंडीगढ़ ; गगनदीप सिंह /एनके धीमान ;—–शहर के नामी होटल अरोमा होटल के एक्वा मैरीन में महिलाओं द्वारा किये जा रहे लघु स्तरीय बिजनेस की एक एग्जिबिशन कम सेल का आयोजन किया गया था ! उक्त एग्जिबिशन में तकरीबन दो दर्जन दुकानदारों ने अपनी स्टालें सजाएं ! लेकिन एग्जिबिशन ऊँची दुकान फीका पकवान साबित होकर रह गई ! यूँ तो एग्जिबिशन सवेरे दस बजे से शुरू हो हुई लेकिन बेचारे दुकानदारों को भीड़ नाममात्र बाद दोपहर बमुश्किल से नसीब हुई ! ये एग्जिबिशन शुरू से अंत तक दुकानदार महिलाओं के वक़्त, धन और सुकून के लिए बुरी साबित हुई ! विंटर कलेक्शन लिए महिला ने बताया उनका लगाया धन व्यर्थ गया ! नाम का भी खरीददार नहीं मिला ! इक्का दुक्का आने वाला भी अपना जानकार और रिश्तेदार ही रहा ! आयोजकों को सबसे नजरें चुराते देखा गया ! ऐसे ही आर्ट्स एंड हैंडी क्राफ्टस की स्टाल अदिति कलाकृति हब ऑफ़ हॉबीज लगाये मोनिका शर्मा आभा ने कहा दिनभर तो नजरें कस्टमर के लिए एंट्री डोर पर टकटकी लगाये रहीं पर शाम को आखिर के दो तीन घंटों में रिस्पॉन्स पॉजिटिव मिलने से मन को राहत मिली और लगाया धन वसूल रहा ! गर्म सूट्स की एक और स्टाल सजाने वाली युवती ने कहा मालूम नहीं था ऐसा भी निराशा भरा दिन आएगा ! हमने तो एक सूट भी बेचना तो दूर कस्टमर को दिखाने का भी अवसर न मिला ! काफिला इंडिया फाउंडेशन की संचालिका और संस्थापिका प्रिंसिपल विक्रमजीत कौर ने कहा अरोमा के बाहर पार्किंग न उपलब्ध होने पर परेशानी हुई और अनेकों बुजुर्ग खरीदार खाली हाथ ही मजबूरन लौट गए ! युवा इंजीनियर ने कहा एग्जिबिशन की जानकारी पेपर्स या रेडियो सहित टीवी से नहीं मिलकर दुकान लगाये रिलेटिव ने एसएमएस करके बुलाया ! एक बुजुर्ग दुकानदार ने कहा एग्जिबिशन अपने आप में ही अपसेट रही बिना पब्लिसिटी के और दुकानदार बिना क्राउड के निराश !
अरोमा में एग्जिबिशन आयोजकों के चेहरे खिले तो पार्टीसिपेंटस के बुझे
चंडीगढ़ ; गगनदीप सिंह /एनके धीमान ;—–शहर के नामी होटल अरोमा होटल के एक्वा मैरीन में महिलाओं द्वारा किये जा रहे लघु स्तरीय बिजनेस की एक एग्जिबिशन कम सेल का आयोजन किया गया था ! उक्त एग्जिबिशन में तकरीबन दो दर्जन दुकानदारों ने अपनी स्टालें सजाएं ! लेकिन एग्जिबिशन ऊँची दुकान फीका पकवान साबित होकर रह गई ! यूँ तो एग्जिबिशन सवेरे दस बजे से शुरू हो हुई लेकिन बेचारे दुकानदारों को भीड़ नाममात्र बाद दोपहर बमुश्किल से नसीब हुई ! ये एग्जिबिशन शुरू से अंत तक दुकानदार महिलाओं के वक़्त, धन और सुकून के लिए बुरी साबित हुई ! विंटर कलेक्शन लिए महिला ने बताया उनका लगाया धन व्यर्थ गया ! नाम का भी खरीददार नहीं मिला ! इक्का दुक्का आने वाला भी अपना जानकार और रिश्तेदार ही रहा ! आयोजकों को सबसे नजरें चुराते देखा गया ! ऐसे ही आर्ट्स एंड हैंडी क्राफ्टस की स्टाल अदिति कलाकृति हब ऑफ़ हॉबीज लगाये मोनिका शर्मा आभा ने कहा दिनभर तो नजरें कस्टमर के लिए एंट्री डोर पर टकटकी लगाये रहीं पर शाम को आखिर के दो तीन घंटों में रिस्पॉन्स पॉजिटिव मिलने से मन को राहत मिली और लगाया धन वसूल रहा ! गर्म सूट्स की एक और स्टाल सजाने वाली युवती ने कहा मालूम नहीं था ऐसा भी निराशा भरा दिन आएगा ! हमने तो एक सूट भी बेचना तो दूर कस्टमर को दिखाने का भी अवसर न मिला ! काफिला इंडिया फाउंडेशन की संचालिका और संस्थापिका प्रिंसिपल विक्रमजीत कौर ने कहा अरोमा के बाहर पार्किंग न उपलब्ध होने पर परेशानी हुई और अनेकों बुजुर्ग खरीदार खाली हाथ ही मजबूरन लौट गए ! युवा इंजीनियर ने कहा एग्जिबिशन की जानकारी पेपर्स या रेडियो सहित टीवी से नहीं मिलकर दुकान लगाये रिलेटिव ने एसएमएस करके बुलाया ! एक बुजुर्ग दुकानदार ने कहा एग्जिबिशन अपने आप में ही अपसेट रही बिना पब्लिसिटी के और दुकानदार बिना क्राउड के निराश !