ऐतिहासिक सूरजकुंड प्राचीन बुड़ैल मंदिर में जन्मे श्रीकृष्ण कन्हैय्या,आनंद उत्स्व जारी
चंडीगढ़ ; 6 सितम्बर ; आरके विक्रांत शर्मा ;—भगवान श्रीकृष्ण जी ने बीती रात सेक्टर 45 ऐ स्थित ऐतिहासिक व प्राचीन सूरजकुंड मंदिर [बुड़ैल] में अवतार लिया और कर्णप्रिय श्री कृष्ण कथा के साथ साथ मथुरा से नन्द गांव पधारे और फिर तो समूचा वातावरण जय नन्द लाला जय मदन गोपाला के जयकारों से गुंजायमान हुआ ! और भगवान का जन्मद्विस भव्य जयंती के रूप में मनाया गया ! सूरजकुंड के पुराने और कई वर्षों तक करनी के बजाए कथनी में विश्वास रखने वाले युवा प्रधान [उप] हरबंस लाल गर्ग ने मुख्य आयोजन और मंदिर में जन्म अष्टमी के उपलक्ष्य में आयोजित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा शिव कथा और अटूट प्रसादि वितरण के बारे में जानकारी दी ! मंदिर में पिछले कई दिनों से भगवान शिव कथा का आयोजन चल रहा है ! कथा वाचिका बहन अनुराधा भारती और बहन कृष्ण प्रीता भारती सहित स्वामी अनंतानंद जी ने मधुर कंठ से शिव कथा के साथ भगवान श्री कृष्ण जी के जीवन प्रसंगों का अनूठा समिश्रण प्रस्तुत किया ! प्रधान बालकृष्ण बालू और अश्वनी कुमार खजांची व महासचिव हरिंदर मान सहित सचिव विकेश वीर कंवर ने भगवान श्री कृष्ण जन्म के बाद यगोपवीत अनुष्ठान सांझे रूप से पूर्ण विधिविधान से सम्पन्न करवाया ! ये मंदिर अपनी ऐतिहासिकता और प्राचीनता के लिए तकरीबन चार पांच सौ पुराने बसने की गाथा समेटे हुए है ! भजनों ने तो हर उम्र दर्ज भक्तों को झूमने पर मजबूर किया ! हाथी घोडा पालकी——और मैं तां नचना शाम जी दे नाल आज मैनु नच लें दे ———नन्द बाबा जी का लाल –मदन गोपाल भजनों पर खूब फूलों की वर्षा हुई ! तालियों के गड़गड़ाहट के बीच गोपी नृत्य ने मंत्र मुग्ध किया ! कंठीले स्वर में मंदिर के बुजुर्ग और अतिज्ञानी पंडित जी ने मंत्रोचारण करके सबको भक्ति की हिलोरे में हिलाया ! कृष्ण जन्म उत्स्व के दौरान भगवान जन्म की ख़ुशी में फलों और टाफियों की हरबंस गर्ग ने बर्षा की ! सूरजकुंड मंदिर में पहले कभी किसी आयोजन पर इतनी भक्तों की भीड़ नहीं उमड़ी देखि गई ! भक्तों ने हिंडोले में विराजमान हुए कृष्ण कन्हैय्या जी को पालना झुलाया ! भगवान स्तुति यशोगीत भजन मंत्रों से मंदिर ही नहीं चारों ओर का वातावरण गुंजायमान रहा ! सबसे सराहनीय बात ये देखने को मिली मंदिर में सिख भक्तों की भगवान श्री कृष्ण जी के दर्शनों के लिए और प्रसादि ग्रहण करने की उत्सुकता और लालययिता देखते बनी !