ऐसी क्या इमरजेंसी है जो लगा रखी है धारा 144।

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ग्वालियर।21 अगस्त (सीएनआई ब्यूरो) ग्वालियर जिला प्रषासन द्वारा लम्बे समय से शहर में धारा 144 लगा रखी है, जिसके चलते धरना प्रदर्षन, रैली, धार्मिक सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिये अनुमति अनिवार्य कर दी गई है। भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने देष में इमरजेंसी जैसे हालात की आषंका जताई थी, कानून विद और राजनीतिज्ञों का कहना है कि ऐसी क्या इमरजेंसी है जो धारा 144 लगा रखी है। कांग्रेस ने इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ने की बात कही है। एड्वोकेट मुकेष गुप्ता ने कहा कि यह तो अधिकारियों का दुरूपयोग है, इससे साफ है कि कोई व्यक्ति या संस्था सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन करना चाहती है तो जिला प्रषासन अनुमति नहीं देगा। उधर कलेक्टर डाॅ0 संजय गोयल का कहना है कि आम व्यक्ति का भी तो हक है, इसलिये धरना प्रदर्षन या इसी तरह के अन्य कार्यक्रम लोगों की परेषानी का कारण नहीं बने, इसलिये अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। धारा 144 लागू करने का कोई गलत उद्देष्य नही हैं, कानून व्यवस्था बनाये रखना भी प्रषासन का दायित्व है। एड्वोकेट संजय शर्मा ने इसे मौलिक अधिकारों का हनन बताया। वहीं जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 दर्षन सिंह ने कहा कि यह प्रजातंत्र की हत्या है, जिला प्रषासन सरकार के इषारे पर काम कर रहा है। व्यापम घोटाला, भ्रष्टाचार, सड़कों की दुर्दषा, महंगाई जैसे मुद्दों पर आम लोग आबाज न उठा सकें, इसलिये धारा 144 लगाई है। यह दमनकारी निर्णय है। पूर्व में शराब फैक्ट्री का विरोध करने पर जनपद सदस्य शत्रुघ्न यादव तथा उनके 20 से 25 अन्य साथियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। emargency