ओपीडी 600 मरीजों से ऊपर डॉक्टर सिर्फ दो, कैसे मिले इलाज

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ग्वालियर १ अक्टूबर [सीएनआई]डबराजहां एक ओर मध्य प्रदेश शासन आम जनता के स्वास्थ्य को देखते हुए ममता शिविर लगाकर सैकडों मरीजों को लाभ देने के लिए शिविर सिविल अस्पताल में लगाए जा रहे हे और अलग से विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी मेें मरीजों के स्वास्थ्यां की पड़ताल की जा रही है, वहीं दूसरी ओर सिविल अस्पताल के अंदर ओपीडी में आए मरीजों को कुछ डॉक्टर छुट्टी पर चले जाने के कारण ओपीडी में उपस्थित दो डॉक्टरों की ड्यूटी होने के कारण मरीजों को अच्छा इलाज लेने मेें कई घंटों लाइन में लगे रहकर इंतजार करना पडा।
एकल खिड़की से परेशान ….
हर सुबह ओपीडी में आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ओपीडी में शामिल होने वाले मरीजों को पर्चा कटवाने में घंटो लाइन में खडा होना पड़ रहा है । 50 से 75 मरीज प्रतिदिन ओपीडी से बगैर इलाज कराए वापस लौट रहे है, क्योंकि पर्चा कटने की एकल खिड़की होने के कारण एक बजे तक ओपीडी का समय पूर्ण होने के कारण मरीज अत्यधिक भीड़ के चलते पर्चा नहीं कटवा पाता, जिसके चलते बगैर इलाज कराए, मरीज वापस लौट रहे है ।
प्रबंधन की मॉनीटरिंग फेल……..
सिविल अस्पताल की मॉनीटरिंग करने वाले बीएमओ कहीं न कहीं अपनी मॉनीटरिंग में कमजोर साबित हो रहे है । इसका उदाहरण सिविल अस्पताल में  देखने को मिला, जब 600 से ऊपर मरीज अस्पताल परिसर में आए मगर डॉ. जे.के . मिसुरिया और डॉ. विजय पाठक, डॉ. सुरेन्द्र गुप्ता की ड्यूटी में इलाज कराने पहुंचे, मरीजों को अपनी बारी का इंतजार करने में घंटो लगे ।
ये डॉक्टर रहे छुट्टी पर …….
बीएमओ डॉ. एम.एल. कदम, डॉ. अंतर सिंह आर्य, डॉ. वीरेन्द्र गौड़, डॉ. ए.पी. मिश्रा छुट्टी पर रहे और बाल रोग डॉ. रचना माहौर और डॉ.ए.के. शर्मा कोर्ट ड्यूटी में रहे ।
बच्चों में फेल रहा है बुखार…..
इन दिनों बदलते मौसम और बरसात न होने के कारण महिला, पुरूष, बच्चों में मलेरिया और बुखार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है और ऐसी स्थिति मेंंं डॉ. छुट्टियों पर रहे तो मरीजों को प्रायवेट अस्पतालों में इलाज कराना पड़ रहा है।
इनका कहना…….
मौसम में एक दम बदलाव आने के कारण वायरल और मलेरिया, 14 वर्ष तक के बच्चों में देखा गया है, ओपीडी में प्रतिदिन 70 से 100 बच्चे इलाज के लिए आ रहे है । खूंन की तत्काल जांच कराई जा रही है और उन्हें अच्छे इलाज के लिए दवाई भी तत्काल दी जा रही है । हालांकि मरीजों को इस मौसम में कई सावधानियां बरतना चाहिए ।
डॉ. सुरेन्द्र गुप्ता