क्राउन कांड की जांच कर रही पुलिस कार्यवाही संदेह के घेरे में सी.बी.आई. से जांच करवाने के लिए पीडित जाएंगे हाई कोर्ट

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-क्राउन के नाम पर फ़र्ज़ी चिटफंड कंपनी चला रहे गिरोह के संचालक समेत आठ मैंबर ग्रिफतार किये थे ज़िला बरनाला की पुलिस ने
बरनाला (अखिलेश बांसल) 5 सितम्बर -क्राउन ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर फ़र्ज़ी चिटफंड कंपनी चला रहे गिरोह के संचालक समेत आठ मैंबर ग्रिफतार के बाद पुलिस की तरफ से की जा रही तफ़तीशी कार्यवाही को पीडितों ने संदेह के घेरे में लिया है। पीडितों ने ज़िला की पुलिस की बजाय सीधे सी.बी.आई. से उच्च स्तरीय जांच पड़ताल करवाऊण के लिए हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने की बात कही है।
बताने योग्य है कि क्राउन चिटफंड कंपनी के नाम पर अधिकारी बनकर मैदान में उतरे ठग किस्म के नौजवानों ने एक जिला को ही नहीं बलिक दर्जनों जिलों को फोकस किया था। जहाँ से उन को पहले से ही अरबें खरबें रुपए मिलने का अनुमान था। उक्त कंपनी की तरफ से अधिक ब्याज के झाँसे में आकर ज़िला बरनाला, बठिंडा, मानसा, संगरूर, मोगा, फरीदकोट, पटियाला, चण्डीगढ़ और अन्य कई जिलों के हजारों लोगों ने क्राउन कंपनी में अपनी, ज़मीनें बेचकर और कर्ज़ पर रुपए उठा कर भी पैसा इनवैस्ट किया था।
अगर अकेले ज़िला बरनाला की बात करें तो बताया जाता है कि इस जिला में पाँच सौ से अधिक एजेंट फैलाए गए थे। जिन्होंने लोगों से पैसे तो ले लिए लेकिन उन को जो सबूत के तौर पर जिन कंपनियों के दस्तावेज़ दिए, वह सौ प्रतिशत जाली पाये गए।

इस लिए पुलिस कार्यवाही पर पैदा हुआ संदेह –
जब लोगों को उक्त कंपनी से ब्याज मिलना बंद हो गया और कंपनी के जाली होने की चर्चा ने ज़ोर पकड़ा तो पीडित लोगों ने पुलिस के दरवाज़े खटखटाने शुरू कर दिए। हालाँकि बरनाला पुलिस के पास प्रभाव रसूख रखने वाले शहर के भी कई नामी व्यक्तियों ने लिखित तौर पर शिकायत की थी। परन्तु पुलिस ने अपना व्यवहार उदासीनता भरपूर रखा था। जब लोग कारण पूछते थे तो पुलिस आधिकारियों की तरफ से कह दिया जाता था कि जांच पड़ताल की जा रही है।
यहाँ बताना जरुरी है कि पाँच दिन पहले एक गाँव के सिर्फ़ एक व्यक्ति की शिकायत पर गिरोह के आठ सदस्यों को ग्रिफतार कर लेने की खबर ने बेशक पूरे पंजाब राज्य में सनसनी फैलाव दी। जब लोगों ने ठंडे मन से विचार किया तो उन्हें पुलिस और उक्त अरोपियों की मिलीभगत की बद -बू आने लगी। पुलिस के सीनियर अधिकारी पीडितों को यह कहकर टालमटोल कर रहे हैं कि रिमांड के दौरान भी अरोपियें से ऐसा कोई रिकार्ड नहीं मिला जिनसे उन ख़िलाफ़ कोई दोष साबित होता हो।

यह कहते हैं पीडित –
क्राउन पीडितों का कहना है कि उनका बरनाला ज़िला की पुलिस से विश्वास उठ चुका है। सीधे सी.बी.आई. से इंसाफ़ और उच्च – स्तरीय जांच पड़ताल करवाने के लिए पंजाब -हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाऐंगे। उनहोंने यह भी कहा कि यदि सीबीआईकी रिपोर्ट से बरनाला पुलिस द्वारा अब तक की कार्यवाही गलत पाई गई तो वह मौजूदा सभी आधिकारियों ख़िलाफ़ चार्जशीट लगाने की अपील भी करेंगे।
अदालत ने दूसरी बार दिया पुलिस रिमांड –
ज़िला की माननीय अदालत ने आरोपिओं से गहराई के साथ पड़ताल करवाने के लिए सी.आई.स्टाफ हंढ्याया की पुलिस को पाँच दिन का रिमांड दिया था। अरोपियें को आज मैजिस्ट्रेट हरजीत सिंह की अदालत में पेश किया। जिन्होंने पुलिस को आठ सितम्बर तक रिमांड दे कर जांच करने के अदेश जारी किये हैं।

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जिला अदालत में पेश करन के बाद क्राउन चिटफंड कंपनी के अमृतसर और बरनाला ज़िला के मुख्य सरगनावें को पकड़कर हंढ्याया सी.आई.ए. स्टाफ लिजांदी हुई पुलिस। (फोटो -जस्सी)