ग्वालियर३अक्टूबर [ सीएनआई] डबरा जैन समाज इन दिनों क्षमा वाणी पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। क्षमा वाणी पर्व पर पार्षद पुत्र एवं समाज सेवी सुनील शिवहरे ने मुख्य अतिथि बतौर भगवानचन्द्र प्रभु मंदिर में उपस्थित जनसमुह के बीच कहा इंसान से जाने अंजान में हर रोज कभी न कभी कोई न कोई गलतियां अवश्य होती है । उन गलतियों पर हमें पर्दा नहीं डालना चाहिए, बल्कि ऐसी गलतियों से अगर किसी का अपमान होता है तो हमें क्षमा मांगना चाहिए, यहां तक की सामने वाले व्यक्ति से कोई गलतियां होती है तो उसे क्षमा कर देना चाहिए,क्योंकि क्षमा से बडा कोई धर्म नहीं है । समाज सेवी शिवहरे ने कहा कि जैन समाज के द्वारा जो क्षमा वाणी पर्व मनाया जा रहा है, उससे समाज की युवा पीढी को नई जागृति मिलेगी और जीवन के लिए नई सीख ।
श्री शिवहरे ने कहा कि हमें किसी भी व्यक्ति से क्षमा मांगने से पूर्व अपने शब्दों का प्रयोग इस प्रकार करना चाहिए कि वह तीर की तरह न हो, क्योंकि तीर हमेशा भेदने का काम करता है जो कि आमजन को ठेस भी पहुंचा सकता है । समाज के अंदर क्षमा का दान सबसे बडा दान होता है । इस दान की कोई सीमा नहीं होती है, अपराध कितना भी बडा हो, सजा का प्रावधान सभी में है लेकिन जब समाज के बीच अपने से छोटे या बड़े से कोई अपराध होता है तो वह अपराध अगर क्षमा योग्य है तो उसे क्षमा कर देना चाहिए ।
श्री शिवहरे ने कहा कि छात्र जीवन हर इंसान के जीवन में एक बार आता है यही समय ऐसा होता है जिसमें बहुत कुछ सीखने को और बहुत कुछ खोने को मिलता है। क्योंकि यह उम्र इतनी जोश भरी होती है कि इंसान एक गलती छुपाने के लिए गलियां पर गलतियां करता चला जाता है । जिसके चलते समाज में उसका सम्मान घटता चला जाता है । चन्द्र प्रभु भगवान के मंदिर में क्षमा वाणी कार्यक्रम में वार्ड क्रमांक 20 की पार्षद रामबाई शिवहरे के पुत्र वरिष्ठ समाज सेवी सुनील शिवहरे को जैन समाज की ओर से स्मृत्ति चिन्ह देकर शॉल श्रीफल से सम्मानित किया । दरअसल देखा जाए तो समाज सेवी सुनील शिवहरे ने विगत पार्षदी काल में वार्ड के अंदर जनहित को लेकर जो कार्य किये है वह सम्मान योग्य है । जो कस्बे की जनता से छुपे नहीं है ।
ग्वालियर३अक्टूबर [ सीएनआई] डबरा जैन समाज इन दिनों क्षमा वाणी पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। क्षमा वाणी पर्व पर पार्षद पुत्र एवं समाज सेवी सुनील शिवहरे ने मुख्य अतिथि बतौर भगवानचन्द्र प्रभु मंदिर में उपस्थित जनसमुह के बीच कहा इंसान से जाने अंजान में हर रोज कभी न कभी कोई न कोई गलतियां अवश्य होती है । उन गलतियों पर हमें पर्दा नहीं डालना चाहिए, बल्कि ऐसी गलतियों से अगर किसी का अपमान होता है तो हमें क्षमा मांगना चाहिए, यहां तक की सामने वाले व्यक्ति से कोई गलतियां होती है तो उसे क्षमा कर देना चाहिए,क्योंकि क्षमा से बडा कोई धर्म नहीं है । समाज सेवी शिवहरे ने कहा कि जैन समाज के द्वारा जो क्षमा वाणी पर्व मनाया जा रहा है, उससे समाज की युवा पीढी को नई जागृति मिलेगी और जीवन के लिए नई सीख ।
श्री शिवहरे ने कहा कि हमें किसी भी व्यक्ति से क्षमा मांगने से पूर्व अपने शब्दों का प्रयोग इस प्रकार करना चाहिए कि वह तीर की तरह न हो, क्योंकि तीर हमेशा भेदने का काम करता है जो कि आमजन को ठेस भी पहुंचा सकता है । समाज के अंदर क्षमा का दान सबसे बडा दान होता है । इस दान की कोई सीमा नहीं होती है, अपराध कितना भी बडा हो, सजा का प्रावधान सभी में है लेकिन जब समाज के बीच अपने से छोटे या बड़े से कोई अपराध होता है तो वह अपराध अगर क्षमा योग्य है तो उसे क्षमा कर देना चाहिए ।
श्री शिवहरे ने कहा कि छात्र जीवन हर इंसान के जीवन में एक बार आता है यही समय ऐसा होता है जिसमें बहुत कुछ सीखने को और बहुत कुछ खोने को मिलता है। क्योंकि यह उम्र इतनी जोश भरी होती है कि इंसान एक गलती छुपाने के लिए गलियां पर गलतियां करता चला जाता है । जिसके चलते समाज में उसका सम्मान घटता चला जाता है । चन्द्र प्रभु भगवान के मंदिर में क्षमा वाणी कार्यक्रम में वार्ड क्रमांक 20 की पार्षद रामबाई शिवहरे के पुत्र वरिष्ठ समाज सेवी सुनील शिवहरे को जैन समाज की ओर से स्मृत्ति चिन्ह देकर शॉल श्रीफल से सम्मानित किया । दरअसल देखा जाए तो समाज सेवी सुनील शिवहरे ने विगत पार्षदी काल में वार्ड के अंदर जनहित को लेकर जो कार्य किये है वह सम्मान योग्य है । जो कस्बे की जनता से छुपे नहीं है ।