छ: घंटे में दिल्ली जाने के लिए रेल मुसाफिरों को करना पड़ा गाड़ी का नौ घंटे इंतजार, सिर्फ रेलवे पर होता है धुंध-कोहरे का असर बसों पर क्यों नहीं

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बरनाला, 1 नवम्बर (अखिलेश बंसल/विपन गुप्ता ) वीरवार को फाजिल्का से वाया अंबाला होकर दिल्ली जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस यात्री गाड़ी नौ घंटे देरी से बरनाला पहुंची। जिसे पाने के लिए यात्रियों को 9 घंटे तक इंतजार करना पड़ा है। रेलवे अधिकारियों द्वारा गाडिय़ों की लेट-लतीफी का कारण घनी धंध पडऩा बताया गया है, लेकिन रेलवे यात्रियों व समाजसेवियों द्वारा रेलवे पर सवालिया निशान लगाया जा रहा है।
बसें जा रही राईट टाईम:- रेलवे द्वारा सुपर हाईटैक होने के दावे किए जाते हैं लेकिन मौसम को देखते
ही रेलवे की टायं-टायं फिस्स हो जाती है। जबकि मौसम का असर सडक़ों पर दौडऩे वाली ट्रांसपोर्टर पर नहीं होता। गौर हो कि वीरवार को आकाश से बरसे कोहरे में तकरीबन सभी बसें अपने अपने बस अड्डों से निश्चित समय से निकली और सायं तक निश्चित समय पर ही दाखिल होती रही।
गाड़ी के नहीं आने पर मची खलबली:- दर्जनों ऐसे डेली पैसेंजर व्यापारी, नौकरीपेशा, एवं शिक्षण संस्थानों में पढ़ते छात्र-छात्राएं हैं जो रोजाना फाजिल्का से दिल्ली जाने वाली रेलगाड़ी पर सफर करते हैं। जिसको लेकर उन्होंने बाकायदा (मासिक/त्रैमासिक) रेलवे सफर पास बनवा रखे हैं। वीरवार की सुबह करीब एक
घंटा बीतने पर जैसे ही उन्हें गाड़ी के आने का कोई नामो-निशां नहीं नज़र आया तो स्टेशन पर खलबली सी मच गई। बस स्टैंड तक पहुंचने के लिए उन्हें रिक्शा किराया और बसों का भारी किराया भुगतान कर जेबें कटवानी पड़ी।
9 घंटे देरी से पहुंची इंटरसिटी:- फाजिल्का से दिल्ली जाने वाली गाड़ी का बरनाला पहुंचने का समय सुबह करीब सवा छ: बजे का है जो कि नौ घंटे देरी से बरनाला स्टेशन पर दोपहर करीब सवा तीन बजे पहुंची। गौर हो कि उक्त गाड़ी में पैसेंजरों की संख्या नामात्र थी। बता देते हैं कि सुबह जाने के वक्त इसी गाड़ी में पैर रखने के लिए भी जगह बड़ी मुशिकल से मिलती है।
यह लगाया सवालिया निशान:- पीडि़त हुए रेलवे डेली पैसेंजरों ने शंका व्यक्त की है कि जब बसें जिन्हें रिस्की सडक़ों पर चलना होता है वो सही समय पर आवागमन कर सकती हैं तो रेल गाडिय़ों जिन्हें आखिरी मुकाम तक हरा सिग्नल मिलता रहता है और ताकि ट्रैक पर किसी किस्म की वारदात ना हो जाए दुर्घटना के होने से पहले ही रेल पायलट को खबरदार करने वाले गाडिय़ों पर जीपीआरएस सिस्टम जैसे उपकरण लगाए जाते हैं। फिर कोहरे का बहाना लगा गाडिय़ों को ही क्यूं लेट किया जाता है। पैसेंजरों ने इसे गड़बड़झाला करार देते हुए रेलवे बोर्ड से ट्रांसपोर्टरों और रेलवे के डिवीजनल अधिकारियों के बीच के संबन्धों की जांच करवाने की मांग की है।
यह कहते हैं रेलवे अधिकारी:- स्टेशन मास्टर तरुण कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जब तक मौसम साफ नहीं हो जाता गाडिय़ों को पटरी पर दौड़ाया नहीं जा सकता। आज जो गाडिय़ों की लेट-लतीफी हुई है उसका कारण कोहरा पडऩा है।