गुरु नानक देव पब्लिक स्कूल फरल में रन फॉर यूनिटी का किया गया आयोजन देश की एकता की भावना की स्कूली बच्चो को दिलवाई शपथ

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कैथल,1 नवम्बर (कृष्ण प्रजापति) गुरु नानक देव पब्लिक स्कूल फरल में आज लोह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म शताब्दी के उपलक्ष में राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन किया गया। स्कूल के एमडी विक्रम सिंह विर्क और प्रिंसिपल रेखा शर्मा ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करने, देश वासियों के बीच इस संदेश को फैलाने, स्वर्गीय सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाई गई देश की एकता की भावना की स्कूली बच्चो को शपथ दिलवाई एवं देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का संकल्प दिलवाया।

स्कूल परिसर में देश के प्रथम गृहमंत्री एवं उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म शताब्दी के उपलक्ष में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए । कार्यक्रम के उपरांत स्कूल के सभी स्टाफ सदस्यों ने विद्यार्थियों के साथ एकता दौड़ में भी हिस्सा लेकर विद्यार्थियों का हौंसला बढ़ाया।
स्कूल के एमडी विक्रम सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की स्वतंत्रता के बाद छोटी-बड़ी 562 रियासतों का भारत गणराज्य में विलय करवाकर देश के एकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने रक्तहीन क्रांति से अपनी दूरदृष्टि से देश के एकीकरण का महत्वपूर्ण कार्य किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में लिखा था कि रियासतों की इतनी जटिल समस्या को केवल सरदार वल्लभ भाई पटेल ही हल कर सकते थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल में कौटिल्य की कुटनीतिज्ञता तथा महाराज शिवाजी की दूरदर्शिता थी। उन्होंने गृहमंत्री के रूप में देश रियासतों को भारत में मिलाने को प्राथमिकता देते हुए इस कार्य को पूर्ण किया। देश के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिए उन्हें भारत का लौह पुरूष के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर लोगों को एकता का संदेश देेने के लिए एकता दौड़ का आयोजन किया गया।
स्कूल स्टाफ सदस्य रिटायर्ड सूबेदार रविंद्र कौशिक ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे पहला एवं बड़ा योगदान खेड़ा संघर्ष में रहा। गुजरात का खेड़ा खंड उन दिनों भयंकर सूखे की चपेट में होने के कारण किसानों ने अंग्रेज सरकार से भारी कर में छूट की मांग की। सरकार द्वारा किसानों की मांग अस्वीकार कर देने पर सरदार वल्लभ भाई पटेल व महात्मा गांधी ने इन किसानों का नेतृत्व करके चलाए गए आंदोलन में सरकार को झुकने पर विवश कर दिया तथा किसानों को करों में राहत दी गई। इस सशक्त सत्याग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें पहले बारडोली का सरदार तथा बाद में सरदार कहा जाने लगा। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत बिस्मार्क और लौह पुरूष भी कहा जाता है। इस अवसर पर लखविंदर कौर ,सुनील पीटीआई,रोबिन, निर्मला सहित समस्त शिक्षण स्टाफ मौजूद रहा।