ग्वालियर। २६ नवम्बर[ सीएनआई] म.प्र. के मुख्यमंत्री किसानों के हक में काम कर रहे हैं वहीं डबरा बिजली कंपनी और भितरवार, टेकनपुर, पिछोर क्षेत्र के अधिकारी अपने आपको सरकार से ऊपर मानकर मनमानी कर कई गांवों की बिजली काटकर लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं। हाल ही में हुई बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में लाइट चालू रखने की बात उच्च स्तर पर अधिकारियों ने तय की। लेकिन निचले स्तर पर विषेषकर ग्वालियर अंचल में ईमानदारों को भी चोरों की सजा भुगतना पड़ रही है और कई गांवों की बिजली, बिजली अधिकारियों ने काट रखी है। जिससे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त है, पीने का पानी नहीं मिल रहा, अंधेरे में डकैतों का डर रहता, मच्छरों से बीमारियां डेंगू, स्वाइन फ्लू, पीलिया, बुखार आदि फैल रहे हैं, लेकिन बिजली अधिकारियों को इन सब बातों से कोई मतलब नहीं हैं। खुलेआम किसानों से अवैध बसूली कर पूरी चैन बनाकर ऊपर तक पैसा भेजा जाता है। ऊपर से नीचे तक गंगा को मैला किया जा रहा हैं मुख्यमंत्री के सपनों को तार-तार किया जा रहा है। बिजली न होने से किसान खेतों में पानी नहीं दे पा रहा, जिससे राष्ट्रीय उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। फसल के लिये इस समय पलेवा, बोबनी का टाइम हैं, लेकिन बिजली न होने से किसान पागल हो रहा है। हो सकता है कि कोई किसान इन सब स्थितियों के चलते आत्महत्या जैसा कदम न उठा ले। क्षेत्रीय प्रमुख लोगों ने विद्युत विभाग ग्वालियर जिले संभाग में हो रही मनमानी लूट, भ्रष्टाचार को रोकने के लिये कोई कारगर कदम उठाने की मांग की है तथा झूठे प्रकरण किसानों, व्यापारियों पर जो लगाये जा रहे हैं, उन पर समीक्षा की जरूरत है। बरना कभी भी आक्रोष मुखर हो सकता है, किसानों की गांवों की लाइट शीघ्र चालू कराई जाये, ताकि जन जीवन अस्त-व्यस्त होने से बच सके।
ग्वालियर। २६ नवम्बर[ सीएनआई] म.प्र. के मुख्यमंत्री किसानों के हक में काम कर रहे हैं वहीं डबरा बिजली कंपनी और भितरवार, टेकनपुर, पिछोर क्षेत्र के अधिकारी अपने आपको सरकार से ऊपर मानकर मनमानी कर कई गांवों की बिजली काटकर लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं। हाल ही में हुई बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में लाइट चालू रखने की बात उच्च स्तर पर अधिकारियों ने तय की। लेकिन निचले स्तर पर विषेषकर ग्वालियर अंचल में ईमानदारों को भी चोरों की सजा भुगतना पड़ रही है और कई गांवों की बिजली, बिजली अधिकारियों ने काट रखी है। जिससे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त है, पीने का पानी नहीं मिल रहा, अंधेरे में डकैतों का डर रहता, मच्छरों से बीमारियां डेंगू, स्वाइन फ्लू, पीलिया, बुखार आदि फैल रहे हैं, लेकिन बिजली अधिकारियों को इन सब बातों से कोई मतलब नहीं हैं। खुलेआम किसानों से अवैध बसूली कर पूरी चैन बनाकर ऊपर तक पैसा भेजा जाता है। ऊपर से नीचे तक गंगा को मैला किया जा रहा हैं मुख्यमंत्री के सपनों को तार-तार किया जा रहा है। बिजली न होने से किसान खेतों में पानी नहीं दे पा रहा, जिससे राष्ट्रीय उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। फसल के लिये इस समय पलेवा, बोबनी का टाइम हैं, लेकिन बिजली न होने से किसान पागल हो रहा है। हो सकता है कि कोई किसान इन सब स्थितियों के चलते आत्महत्या जैसा कदम न उठा ले। क्षेत्रीय प्रमुख लोगों ने विद्युत विभाग ग्वालियर जिले संभाग में हो रही मनमानी लूट, भ्रष्टाचार को रोकने के लिये कोई कारगर कदम उठाने की मांग की है तथा झूठे प्रकरण किसानों, व्यापारियों पर जो लगाये जा रहे हैं, उन पर समीक्षा की जरूरत है। बरना कभी भी आक्रोष मुखर हो सकता है, किसानों की गांवों की लाइट शीघ्र चालू कराई जाये, ताकि जन जीवन अस्त-व्यस्त होने से बच सके।