ग्वालियर की पूर्व महिला जज पहुंची अब सुप्रीमकोर्ट।

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ग्वालियर।११ दिसंबर [सीएनआईब्यूरो] हाईकोर्ट के पूर्व में पदस्थ रहे जज एसके गंगेले द्वारा पूर्व में पदस्थ महिला अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीष के साथ किये गये यौन उत्पीड़न के मामले में नया मोड़ आ गया है, क्योंकि अब महिला जज ने हाईकोर्ट के जज को कटघरे में खड़ा करने के लिये सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खट खटाया है। उन्होंने अपने खिलाफ हुये यौन उत्पीड़न को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। ग्वालियर के तत्कालीन हाईकोर्ट जज एसके गंगेले द्वारा यहां पदस्थ तत्कालीन महिला जज के साथ यौन शोषण किया गया था, जिसकी षिकायत पीड़ित महिला जज द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर खण्डपीठ के मुख्य न्यायाधीष तथा सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीष से की गई थी। और इसके साथ ही उन्होंने इससे दुखी होकर अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया था। अपने वकील देवदत कामत के माध्यम से सुप्रीमकोर्ट में दायर याचिका में पीड़िता जज ने कहा कि उनके मामले की जांच के लिये जो तीन जजों की जांच समिति गठित की गई थी, उसमें उनके गवाहों के बयान नहीं लिये गये थे। उत्पीड़न करने वाले हाईकोर्ट के जज पॉवरफुल थे तथा वह उनके गवाहों को डरा धमका सकते थे। उनके गवाहों को सुरक्षा भी नहीं दी गई थी। उनसे इस केस में सबूत के रूप में पेष करने के लिये आवष्यक दस्तावेज और सबूत सामग्री नहीं मगाई गई थी। जांच समिति ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें बहुत सारी खामियां हैं, क्यों जांच के दौरान न्याय के मूलभूत सिद्धांतों का पालन भी नहीं किया गया। प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है।
यह थे जांच पैनल में शामिल – सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीष एचएल दत्तू द्वारा जांच पैनल गठित किया गया था, जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीष धनंज्य चन्द्रचूर्ण तथा दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीष जी रोहिणी शामिल हैं।

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