चार लाख उपभोक्ताओं को बताया बिजली चोर, बकाया 18 अरब, फर्जी प्रकरणों की हो जांच।

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ग्वालियर। १९अक्तुबर [सीएनआई] म.क्षे.वि.वि.कं. के अफसरों द्वारा क्षेत्र के चार लाख उपभोक्ताओं को बिजली चोर बताते हुये 18 अरब की बसूली का आंकड़ा जारी किया है, इसमें शासकीय कार्यालय, बंद हुये उद्योग एवं भले लोगों पर लगे फर्जी प्रकरण भी शामिल हैं। लोगों पर फर्जी ढंग से विद्युत चोरी के केस बनाये जा रहे हैं और प्रदेष के अनेक लोगों को बिजली चोर बनाकर कोर्ट कचहरी का रास्ता दिखा दिया है। जबकि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार बिजली विभाग में ऊपर से नीचे तक है। पूर्व में कई बिजली विभाग के अधिकारियों के यहां छापे में करोड़ों की सम्पत्ति मिली है। मीटर खरीद घोटाला, केबिल घोटाला, राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना और अन्य योजनाओं में घोटाला, अधिकारियों द्वारा टूर के नाम पर लाखों का खर्चा दिखाना, ठेका प्रथा चालू होना, अयोग्य लोगों के हाथ में स्टेषनों की कमान देना, अधिकारियों के मुंह लगे ठेकेदारों के अनाप-षनाप बिल पास होना, पद का दुरूपयोग कर झूठे केस बनाकर प्रतिष्ठित उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करना और निर्माण और खरीदी में भ्रष्टाचार होना। इन सबके बाद भी प्रदेष के नागरिकों को बिजली चोर बताते हुये 4 लाख उपभोक्ताओं पर 18 अरब की बसूली बकाया बताकर गांवों के लोगों के ट्रांसफार्मर उतारे जा रहे हैं, जिससे फसल सूखने से राष्ट्रीय उत्पादन की हानि हो रही है। कुछ बसूली जायज हो सकती है, लेकिन कुछ बड़ी कंपनियां मालनपुर बानमोर एवं अन्य क्षेत्रों में अधिकारियों की सांठगांठ से बकाया बिल होने पर इंडस्ट्री बंद कर के भाग गई हैं। सरकार की सरचार्ज माफी की योजना और समझौता नीति अपनाने से कई प्रकरण समाप्त हो सकते हैं, लेकिन अधिकारियों का अहम आड़े आ जाता है। भोपाल रीजन, ग्वालियर रीजन एवं अन्य क्षेत्रों में करोड़ों रूपये की बांकी बताकर अधिकारी शासन को गुमराह कर रहे हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इन प्रकरणों की समीक्षा कराकर प्रदेष के चार लाख लोगों से बिजली चोर का तमगा हटवाने की मांग सामाजिक संस्थाओं ने की है। बड़ी कंपनियों से ढूंढ़कर बसूली होनी चाहिये, झंूठे प्रकरणों में अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही होनी चाहिये।mpeb bijli chor