ग्वालियर।21 अगस्त (सीएनआई ब्यूरो) जीवाजी युनिवर्सिटी में अभी भी 38 हजार से अधिक मार्कषीट पेंडिग हैं, जो पिछले 5 से 6 वर्षों की हैं। जेयू प्रषासन कुलपति के निर्देष पर इसे तैयार कराने के लिये कर्मचारियों से कड़ी मषक्कत करा रहा है। वर्ष 2014-15 की 30 हजार मार्कषीट तैयार हो चुकी हैं, कई विवि अधिकारियों को यह भी पता नही हैं कि मार्कषीट कब से पेंडिग हैं। करीब 10 हजार से ज्यादा मार्कषीट फाॅर्म और नामांकन के अभाव में रोकी गई हैं। इस बारे में अब छात्रों का दर्द कुलपति ने समझा है, पिछले कई सालों से छात्र मार्कषीट के लिये कितना पैसा और समय और आगे की पढ़ाई खराब कर चुके होंगे, इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है।
ग्वालियर।21 अगस्त (सीएनआई ब्यूरो) जीवाजी युनिवर्सिटी में अभी भी 38 हजार से अधिक मार्कषीट पेंडिग हैं, जो पिछले 5 से 6 वर्षों की हैं। जेयू प्रषासन कुलपति के निर्देष पर इसे तैयार कराने के लिये कर्मचारियों से कड़ी मषक्कत करा रहा है। वर्ष 2014-15 की 30 हजार मार्कषीट तैयार हो चुकी हैं, कई विवि अधिकारियों को यह भी पता नही हैं कि मार्कषीट कब से पेंडिग हैं। करीब 10 हजार से ज्यादा मार्कषीट फाॅर्म और नामांकन के अभाव में रोकी गई हैं। इस बारे में अब छात्रों का दर्द कुलपति ने समझा है, पिछले कई सालों से छात्र मार्कषीट के लिये कितना पैसा और समय और आगे की पढ़ाई खराब कर चुके होंगे, इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है।