जैन साध्वी डा. अर्चना जी महाराज बरनाला से अमृतसर के लिए रवाना,

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बरनाला, 20 नवम्बर (अखिलेश बंसल/विपन गुप्ता) प्रकृति के स्वभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने पहुंची जैन साध्वी डा. अर्चना जी महाराज ने बरनाला से अमृतसर के लिए रविवार की सुबह रवानगी
ली। जो कि इन दिनों पंजाब के दौरे पर हैं और शनिवार को अपने एक सेवक के निवास पर रात्री विश्राम के लिए रुकी थी। इस वक्त उनके साथ जैन साध्वी श्री वन्दना जी महाराज, श्री मनीषा जी महाराज, श्री माधवी जी महाराज, श्री वाग्मी जी महाराज, वैरागिन कु. साक्षी जी तथा सेवक श्री मोहन जी भी थे।
जैन साध्वी डा. अर्चना जी महाराज ने कहा कि गुरू की भक्ति, माता-पिता की सेवा, बड़ों का आदर व छोटों से प्रेम ही जीवन है। जिस व्यक्ति का कोई गुरू नहीं उसे हमेशा ज्ञान की कमी रहती है तथा जिसके अन्दर माता व पिता के प्रति सेवा की भावना नहीं उसे संसारिक सुखों की कभी प्राप्ति नहीं हो सकती और ना ही उसे कभी सम्मान मिल सकता है। इस मौके पर एस.एस. जैन सभा के प्रधान प्रेम चन्द जैन, तेरापंथ जैन सभा के प्रधान पवन जैन, जीवन जैन, मनोज गुप्ता, लछमण दास गुप्ता, वीणा गुप्ता, नीलम जैन, रीटा जैन, शशी जैन, सुन्दरी गुप्ता, सुनीता गुप्ता, मोनिका जिन्दल आदि सेवक-सेविकाएं भीमौजूद थे।