झोलाछाप डॉक्टरों का बगैर डिग्री के चल रहा है गौरखधंधा अधिकारियों के संरक्षण में फ ल फू लता यह पेशा

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ग्वालियर ११ अक्टूबर [सीएन आई ]डबरा नगर ही नहीं बल्कि आसपास बसी कॉलोनियों और ग्रामीण क्षेत्रो में बगैर डिग्री के झोलाछाप डॉक्टरों का गौरखधंधा अनबरत रूप से जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का संरक्षण इन्हे प्राप्त है। जिसके कारण ये अधिकारी इन झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करते। मजबूरी बस लोग इनसे इलाज करवा रहे है। जिसके बदले में खुलेआम ये डॉक्टर मौत भी परोस रहे है। प्रशासनिक अधिकारी कुम्भकरणीय नींद में सो रहे है।
नगर की रामनिवास कॉलोनी, दीदार कॉलोनी, लडैयापुरा, लक्ष्मी कॉलोनी,अम्बेडकर कॉलोनी, शिक्षक कॉलोनी,अयोध्या नगर, डबरागांव,रामगढ, अमरपुरा खेरी, मोहन ंिसंह नगर, दर्शन कॉलोनी,जवाहरगंज सुभाषगंज चीनोर रोड के अलावा नगर के अंदर कई झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा गरीब तबके के लोगों का इलाज ऐसे किया जा रहा है । जैसे इन्हे मध्य प्रदेश शासन द्वारा एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त है। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि इन डॉक्टरों के पास रजिस्ट्रेट मेडीकल प्रेक्टिसनर का लायसेंस इलाहवाद,

लखनऊ,गया के अलावा गौरखपुर, राजस्थान,पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ से लायसेंस लेकर यह लोग प्रेक्टिस कर रहे है। वास्तविक तौर पर इन डॉक्टरों के दस्तावेज चैक किये जाए तो यह पूर्ण रूप से फ र्जी निकलेंगे, और ये डॉक्टर फ र्जी दस्तावेजों के आधार पर लोगों के साथ मौत का खेल प्रशासन की न कार्यवाही के कारण खेल रहे है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मिल रहा है संरक्षण ………
ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इनके ऊपर लगाम न लगाई हो, मगर एक मुहिम सी चलाकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इन डॉक्टरों के दस्तावेज चैक करने के नाम पर सांठगांठ कर मंथली सुविधा शुल्क के आधार पर इन्हे खुली छूट दे रखी है। कई बार तो गम्भीर स्थिति में कई मरीज ऐसे डॉक्टरों के यहां पहुंचते है, तो उनका इलाज इन डॉक्टरों के द्वारा किया जाता है और जब मरीजों की हालत बिगडने लगती है तो उन मरीजों को सरकारी अस्पताल मेें भर्ती करा दिया जाता है। कई बार तो सरकारी डॉक्टर भी ऐसे मरीजों पर रिस्क न लेते हुए उन्हे ग्वालियर के लिए रैफर कर दिया जाता है। लेकिन वह मरीज ग्वालियर पहुंचने से पूर्व भगवान को प्यारे हो जाते है।
महंगा इलाज से बचने के लिए पहुंचते है झोलाछाप डॉक्टरों के पास………
प्राइवेट नर्सिंग होमों पर गरीब आदमी इलाज करा नहीं पाता, क्योंकि महंगा इलाज और महंगी दवाएं देने से पूर्व निजी नर्सिंग होम के डॉक्टरों की राय पर मरीज की पहले खूंन, मल-मूत्र की जांच के नाम पर ही हजारों रूपये खर्च हो जाते है। उसके बाद दवाए लेने तक की स्थिति मरीजों की नहीं बनती, जिसके कारण मजबूरी बस गरीब तबके का व्यक्ति इन झोलाछाप डॉक्टरों के यहां ऐलोपैथिक पद्धति से इलाज अपनी मजबूरी समझ रहा है।
इन बीमारियों का कर रहे है इलाज……..

मौसम के बदलते और तीखे तेबरों तथा मच्छरो के प्रकोप से खतरनाक वायरल से कई लोग बीमार हो रहे है जिनमें बुखार, झुखाम,खांसी, वायरल,वायवैक्स,फैल्सीफेरियम, डेंगू, की बीमारियां इन दिनों अधिकांश लोगों ने देखने को मिल सकती है, जिनका इलाज ये डॉक्टर कर रहे है।
इनकी सुनो…….
पूर्व में ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ मुहिम चलाकर कार्यवाही की गई थी और वर्तमान समय में अगर ऐसे कुछ डॉक्टर प्रेक्टिस कर रहे है तो उनके खिलाफ शीघ्र कार्यवाही अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम से उनके दस्तावेज चैक किए जाएंगे, दस्तावेज सही न पाने पर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
डॉ. अनूप कम्ठान, सीएचएमओ ग्वालियरdocter jholachap