ग्वालियर। २६ सितम्बर[ सी एन आई ]मुरैना के सबलगढ़ क्षेत्र के रतियापुरा गांव के 17 वर्षीय तेजपाल का 5 दिन पूर्व डकैत भरोसी मल्लाह ने अपहरण कर लिया था। गांव में अपहरण के बाद अजीब खामोषी है। तेजपाल के माता-पिता बेहाल हैं, घर का चूल्हा ठंडा पड़ा है। माता-पिता की आंखों से आंसू बह रहे हैं जुंवा पर एक ही बात है कि मेरे बेटे को वापिस ला दो। बेटा कैसे वापिस आयेगा। यह किसी को नहीं पता। पुलिस पर से ग्रामीणों का भरोसा डगमगा रहा है। पिता सीताराम केवट, मां कलावती हर आने-जाने वाले से एक ही सवाल पूछते हैं तेजपाल की कोई खबर मिली क्या। एसडीओपी सबलगढ़ हेमंत सिसौदिया के अनुसार सर्चिंग जारी है। फिलहाल डकैत भरोसी के संबंध में कोई जानकारी नही हैं। 18 सितम्बर शुक्रवार शाम के समय चम्बल के बीहड़ से डकैत भरोसी मल्लाह तेजपाल को उठा ले गया था। उसकी मांग थी कि डकैत के भतीजे को जेल से रिहा किया जाये। यह डिमांड अपहृत के भाई के मोबाइल पर डकैत भरोसी ने दी। तेजपाल के अपहरण से रजियापुरा और पूरे ग्वालियर चंबल संभाग में पुनः डकैतों की दहषत फैलने लगी है। गांव में कोई सुरक्षा के इंतजाम नही हैं। अपहरण के बाद एक दिन 3 पुलिसकर्मी गये थे, दूसरे दिन वे भी चले गये, फिलहाल तेजपाल के माता-पिता और गांव वाले सूनी आंखों से तेजपाल का रास्ता देख रहे हैं।
ग्वालियर। २६ सितम्बर[ सी एन आई ]मुरैना के सबलगढ़ क्षेत्र के रतियापुरा गांव के 17 वर्षीय तेजपाल का 5 दिन पूर्व डकैत भरोसी मल्लाह ने अपहरण कर लिया था। गांव में अपहरण के बाद अजीब खामोषी है। तेजपाल के माता-पिता बेहाल हैं, घर का चूल्हा ठंडा पड़ा है। माता-पिता की आंखों से आंसू बह रहे हैं जुंवा पर एक ही बात है कि मेरे बेटे को वापिस ला दो। बेटा कैसे वापिस आयेगा। यह किसी को नहीं पता। पुलिस पर से ग्रामीणों का भरोसा डगमगा रहा है। पिता सीताराम केवट, मां कलावती हर आने-जाने वाले से एक ही सवाल पूछते हैं तेजपाल की कोई खबर मिली क्या। एसडीओपी सबलगढ़ हेमंत सिसौदिया के अनुसार सर्चिंग जारी है। फिलहाल डकैत भरोसी के संबंध में कोई जानकारी नही हैं। 18 सितम्बर शुक्रवार शाम के समय चम्बल के बीहड़ से डकैत भरोसी मल्लाह तेजपाल को उठा ले गया था। उसकी मांग थी कि डकैत के भतीजे को जेल से रिहा किया जाये। यह डिमांड अपहृत के भाई के मोबाइल पर डकैत भरोसी ने दी। तेजपाल के अपहरण से रजियापुरा और पूरे ग्वालियर चंबल संभाग में पुनः डकैतों की दहषत फैलने लगी है। गांव में कोई सुरक्षा के इंतजाम नही हैं। अपहरण के बाद एक दिन 3 पुलिसकर्मी गये थे, दूसरे दिन वे भी चले गये, फिलहाल तेजपाल के माता-पिता और गांव वाले सूनी आंखों से तेजपाल का रास्ता देख रहे हैं।