डॉ दलाल से हुई कहा सुनी का बदला लेने के कारण हुई मेरी बेटी की मौत,इन्साफ के लिए आमरण अनशन

0
1394


लुधियाना 28 जुलाई ( सी एन आई ) भारत का हर आम नागरिक आज इंसाफ पाने के लिए  दर दर भटक रहा है   लेकिन भ्रस्टाचार की दल दल में फसे होने के कारण अधिकतर अधिकारियो पर राज्यपाल के ठोस कदम न उठाने से अधिकारियो पर   करवाई का डर ख़त्म होता नज़र आ  रहा है आज की सरकारे सब जगह बहुत बहुत वादे करती है  जनता की सेवा हमारा प्रथम कर्तव्य और जब जनता पर कोई मुसीबत आती है इन नेताओ के पास फरयादी की फरियाद सुनने का भी वक़्त नहीं होता और मजबूरन फरियादी को इन्साफ के लिए धरना प्रदर्शन व् भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ता है ऐसी ही एक घटना हमारे एक पत्रकार भाई स हरपाल सिंह वासी  U/289 मंगोल पूरी दिल्ली 110083 के साथ दिल्ली में  संजय गांधी हॉस्पिटल की लापरवाही और  अनियमता और उदासीनता की हद्द को पार करते हुए वहा की सी डी एम ओ डॉ दलाल की नलायकी के कारण मोत हो गई हुई जिनकी फूल जैसी बिटिया पायल उम्र करीब 18 साल 10+2 की  स्टूडेंट जो आई पी एस आफिसर बनने के ख़्वाब देख रही थी और जिस ने कड़ी मेहनत को देखते हुई  परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था उसी परिवार की खुशियो को अपनी हठ और जिद के कारण बदले की भावना से डॉ दलाल ने उन के सपनो को चकना चूर करते हुई बिटिया को मोत के घाट उतार दिया इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुई पायल के पिता हरपाल सिंह ने  हमारे सवाददाता को बताया  गत दिनों मेरी बेटी पायल उम्र 18 वर्ष ने इसी वर्ष 12 की पढाई पूरी की थी और अचानक 25 जून को मेरी बेटी पायल की तबियत ख़राब हुई उसे में दोपहर को संजय गांधी हॉस्पिटल ले गया जहाँ उसे बुखार बताया गया और उसी दिन मेरी डॉ दलाल जो cdmo है से गलत गुलूकोस लगाने पर कहा सुनी हो गई और मैने 25 जून को इस सम्बन्ध  में  दोपहर बाद 4:16 पर पुलिस को इस की सुचना दी जिस के  वहाँ पर पुलिस पहुची और  डॉ दलाल ने कहा सुनी में अपनी गलती स्वीकार करते हुई  माफ़ी मांग ली  और गलत आचरण को भी स्वीकार किया इसलिए उस वक्त मैने कोई करवाई न करते हुई इस की जानकारी  हॉस्पिटल की ms को भी दे दी थी जिस के बाद  पायल को उसी दिन शाम 5 बजे आपातकालीन वार्ड पहली मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया रात को भी पायल ठीक थी और कहते पीते हस्ते हुई सब से बात कर  रही थी। दूसरे दिन यानी 26 जून  को तकरीबन 10 बजे सुबह डॉ मनोज ने चेकअप  किया और ऑक्सीजन लगवा दिया  और उस दिन भी पायल चल फिर रही थी अगले दिन 27 जून को मुझे बेटी पायल का इको टेस्ट करवाने के लिए बोला गया जो बहार से जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल से होना था मे और मेरी पत्नी  सोमवार 29 जून  सुबह रिपोर्ट  लेकर अाए तो हमें बोला गया ऊपर से फोन आया है पायल को ई.सी.यू मे लेकर जाना है इसके बाद रात को ऑक्सीजन की जरुरत पर भी ऑक्सीजन नहीं दिया गया और एक इंजेक्शन लगाया गया जिसके लगाने के बाद मेरी बेटी की तबियत और बिगड़ गई उसके मुह से ब्लड आने लगा और  रात 2:50 और 5:00 तक पता नहीं क्या हुआ और  मुझे बताया गया की सांस नहीं आ रही है हम कोशिश   कर रहे है और फिर 5 बजकर 15 मिनट पर उसकी मौत की खबर आई जिसने पुरे परिवार को तोड़ कर रख दिया इस पुरे मामले में मुझे पूरी तरह से हॉस्पिटल प्रसाशन  और डॉ दलाल पर से हुई कहा सुनी का बदला लेने के कारण हुई  मेरी बेटी की मौत अपनी  बेटी की हुई मोत से टूटे हरपाल सिंह  ने रोते हुए बताया की आज करीब एक महीना होने पर भी डॉ दलाल और हॉस्पिटल प्रसाशन के खिलाफ अभी तक कोई करवाई नहीं की गई अब सवाल ये उठता है की एक पत्रकार जो दुसरो को इन्साफ दिलाने के लिए हमेशा सच्चाई के रास्ते पड़ चलता  रहा  आज अपनी बेटी को  इन्साफ दिलाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर है क्यों नहीं हो रही एस परिवार की सुनवाई क्या डॉ दलाल का दोष उजागर करने की इतनी बड़ी सजा इस परिवार को  दी गई की उन के 18 साल की बेटी की जिन्दगी को दाव पर लगाते हुऐ डॉ दलाल ने बदले की भावना से एक मासूम के साथ यह जुलम किया है उस की जितनी भी निन्दा की जाये कम है2015072803243720150728032434