डॉ. धर्मेन्द्र कुमार  ने स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव की घोषणा का किया स्वागत पटना से जाहिद अकरम / सौरभ कुमार 

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पटना 27 नम्बर (सौरभ कुमार ) राजधानी पटना के मीठापुर स्थित कृष्णा डेंटल हॉस्पिटल के प्रधान दन्त चिकित्सक सह स्वयंसेवी संस्था जागरूकता के निदेशक डॉ.  धर्मेन्द्र कुमार ने बिहार राज्य के नवनियुक्त स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव द्वारा पीएमसीएच के डॉक्टरों व निजी नर्सिंग होम के निबंधन की जांच एवं सभी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराने की बात का स्वागत किया है।  डॉ.  धर्मेन्द्र  ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के बोल से डॉक्टरों व मरीजों का शोषण करने वाले निजी नर्सिंग होम संचालकों में जहां खलबली मच गई है, वहीं बिहार की आम जनता ऐसे घोषणओ से    खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है।  डॉ. धर्मेन्द्र  ने आशा जताया कि स्वास्थ्य मंत्री मरीजों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और मरीजों का शोषण करने वाले निजी अस्पतालों को कतई नहीं बख्शेंगे। उन्होंने इस नेक कार्य  के लिए स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को तहे दिल से बधाई दी है.  डॉ. धर्मेन्द्र ने कहा की सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए, किसी भी रोगी को इलाज के अभाव में बाहर नहीं जाना पड़े।  राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में चौबीसों घंटे बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ रखी जाए। चौबीसों घंटे डॉक्टर ड्यूटी पर वहां तैनात रहें, ताकि आकस्मिक रोगियों को चिकित्सा कराने में किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं हो और उन्हें कम समय में बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ हो पाये। स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव द्वारा प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को स्पष्ट निर्देश भी दिया गया है कि पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, आईजीआईएमएस, पीएमसीएच बच्चा वार्ड के इमरजेंसी वार्ड को हर समय जागृत रखा जाए।   वे किसी भी दिन किसी भी चिकित्सा अस्पताल का औचक निरीक्षण कर सकते हैं और वे अपने निरीक्षण के क्रम में यह देखेंगे कि उनके आदेश का अनुपालन किस तरह किया जा रहा है। सरकारी चिकित्सा अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टर ड्यूटी पर रहें। उन्होंने कहा कि पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल का स्थान चिकित्सा के क्षेत्र में पटना उच्च न्यायालय के समान है।  इन अस्पतालों में हर समय जीवन रक्षक दवाएँ उपलब्ध रहनी चाहिए, ताकि कोई भी पीड़ित रोगी जब यहां आए तो उसे जीवन रक्षक दवाओं के लिए भटकना नहीं पड़े। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधान सचिव को यह भी निदेश दिया है कि वह यह सुनिश्चित कराएँ कि जिन डॉक्टरों का पदस्थापन जहाँ पर सरकार द्वारा किया गया है वे वहाँ पर निश्चित रूप से रहकर सेवा भाव के साथ पीड़ित रोगियों की सेवा करें। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में उपलब्ध सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्सरे, वेंटिलेटर मशीनों की स्थिति की भी समीक्षा की और निदेश दिया कि चिकित्सा उपकरणों को हर हाल में ठीक रखा जाए। चिकित्सा उपकरणों की खराबी की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। वे यह सुनिश्चित करें कि उपकरण हमेशा ठीक-ठाक रहे ताकि मरीजों को इसके अभाव में बाहर नहीं जाना पड़े। अस्पतालों में साफ-सफाई निश्चित रूप से रखा जाए। चिकित्सा महाविद्यालयों के ब्लड बैंक की स्थिति की भी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री ने ली और निदेश दिया कि ब्लड बैंक से अधिक-से-अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाए। स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं  रेफरल अस्पतालों में चिकित्सक निश्चित रूप से उपलब्ध रहें। ड्यूटी से गायब रहने वाले चिकित्सकों को चिन्हित करें।  स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि प्राइवेट नर्सिंग होमों का संचालन नियम और कायदे के अनुसार होना चाहिए। निजी नर्सिंंग होम के संचालकों को नियमों की जानकारी दी जाए और उन्हें कहा जाए कि वे नियमानुसार अपने नर्सिंग होम का निबंधन कराएँ। अंत में डॉ. धर्मेन्द्र  ने  कहा की अगर ऐसा सरकार और उसके अधिकारियो के द्वारा सही दिशा में थोड़ी सी भी पहल की जाए तो वर्तमान स्वास्थ्य व्यवस्था में काफी सुधार हो सकता है.