दरगाह सकेतड़ी का एक दिवसीय सलाना मेला व् रात जगा 13 जनवरी को ; बाबा दयाल
चंडीगढ़ ; 25 सितम्बर ; आरके शर्मा विक्रांत ;  सोहनी शांतमयी सिटी चंडीगढ़
और जिला पंचकुला की सीमा पर बसे प्राचीन और ऐतिहासिक
गाँव सकेतड़ी स्थित बाबा साईं बुढन शाह जी की दरगाह पर सलाना मेला आगामी
जनवरी की 13 तारिख को धूमधाम से आयोजित किया जाएगा ! उक्त तिथि का फरमान
वीरवार को रतजगा के चलते मस्तों के मस्त बाबा दयाल जी ने भारी जन एकत्रता
के बीच किया ! रतजगा में
राजस्थान की राजधानी  जयपुर से किशन चंद बुकसानी और उनकी बेटी दीपिका
बुकसानी ने भी बाबा जी की दरगाह पर इबादत फ़रमाई ! और बाबा दयाल जी का
असीम स्नेह भरा आशीर्वाद पाया ! बाबा  जी ने बुकसानी परिवार को जनवरी
मेले में सपरिवार शिरकत करने का फरमान किया ! दरगाह में रतजगा हर वीरवार
को बाबा जी की हाजिरी में आयोजित किया जाता है और पंजाब हरियाणा सहित
हिमाचल आदि प्रदेशों से आने वाले संगतों के लिए अटूट लंगर छकाया जाता है
! बाबा दयाल महराज जी के मुताबिक इस स्थान की महता शिवालिक की पहाड़ियों
के चरणांचल में स्थापित मंदिर में स्वंय भू प्रकट महाशिव लिंग जी की पावन
पिंडी स्वरूप है ! हो सकता है कि इस स्थान की महता को जानकार ही पीरां दे
पीर बाबा बूढ़न शाह ने जी इस स्थान पर कुछेक पल बिताये ! पुराने तालाब के
किनारे पुराने बड़ वृक्ष तले नाम जपा था ! कहते हैं कि 802 साल और 13 दिन
की उम्र भोगने के बाद बाबा जी ने देह रूपी चोला तज कर वैकुण्ठ यानि जन्नत
की रवानगी ली थी ! सुना जाता है कि बाबा जी को बकरियां चराते वक़्त सिखों
के पहले गुरु बाबा नानक देव जी ने जाम जपने दात बख्शी थी ! बाबा नानक जी
बाबर बादशाह के समकालीन हुए और बाबर की जेल में रहते हुए बाबर को अपने
चमत्कार से वाहेगुरु  की हस्ती का बोध करवाया था ! बाबा दयाल जी
बाल्यावस्था से ही मौला की मौज करती फ़ौज के सिपहसलार बन गए थे ! यहाँ
मन्नतें व मुरादें मांगने दूरदराज प्रांतों से ही नहीं बल्कि विदेशों से
भी इंच्छुक आते हैं और मुरादें पूरी  झोलियाँ भर जाने पर अपनी ख़ुशी से
मनइच्छित भंडारे लगाते और दरवार  सेवा में बढ़चढ़ कर अपनी कमाई से सेवा
करवाते हैं !
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 रतजगा में संगत पंगत में खुद बाबा दयाल महाराज जी हाजिरी भरते हुए —आरके विक्रांत शर्मा 
 
                 
 
		







