दवा कम्पनियां वन टु का फोर करने के चक्कर में मरीजों की जिंदगी से खिलावाड़ करने पर आमादा

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बस्ती 21 दिसंबर (विवेक पाल) कुछ दवा कम्पनियां वन टु का फोर करने के चक्कर में मरीजों की जिंदगी से खिलावाड़ करने पर आमादा हैं। डाक्टर को भारी भरकम कमीशन का लालच देकर दवा लिखवाने वाली कम्पनियों की नैतिकता मर सी गयी है। आये दिन ऐसे मामले प्रकाश में आते हैं जिसमें दिन दूना रात चैगुना कमाने में लगी दवा कम्पनियां गुणवत्ता को दरकिनार कर बाजार में ऐसी दवायें उतार देती हैं जिनका मानव जीवन पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इतना ही जांच के नाम भ्रमण पर निकले विभागीय अफसर सबकुछ देखकर अपनी आंखें मूंद लेते हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद के हरैया तहसील का प्रकाश में आया है। दवा की बोतल में मरा हुआ मेढक देख तीमारदार के होश उड़ गये। उन्होने बोलत का सील न तोड़कर मामले को आमजनमानस के सज्ञान में लाना चाहा। विटामिन बिकोफिक्स सीरप के नाम से मिलने वाली यह दवा हरैया के संतोष मेडिकल स्टोर से खरीदी गयी। इसे मुबंई की खण्डेलवाल कंपनी द्वारा निर्मित किया गया है। पीडि़त कृष्ण कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर दवा कंपनी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग किया है जिससे कम्पनी पुनः कभी इस प्रकार की लापरवाही न करें और दवाओं की पैकिंग तथा गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखे। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेकर कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।