दागी डाॅ0 को बना दिया दतिया काॅलेज का डीन।

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ग्वालियर। 04 सितम्बर (सीएनआई ब्यूरो) फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने की जांच चलने के अलावा जिस डाॅ0 के खिलाफ एफआईआर करने की तैयारी की जा रही है, ऐसे ही डाॅ0 को स्वास्थ्य विभाग ने दतिया मेडीकल काॅलेज का डीन बना दिया है। जीआरएमसी में पैथौलाॅजी विभाग में पदस्थ डाॅ0 गौर पर प्राध्यापक रहते हुये टाॅपर छात्रा को दुर्भावनावष प्रायोगिक परीक्षा में फैल कर दिया था, जिस पर जीवाजी विष्व विद्यालय ने षिकायत होने पर इन्हें परीक्षा कार्यों से दूर (ब्लेकलिस्टेट) कर दिया था। पिछले 6 सालों से विवादों में हैं, डाॅ0 गौर पर आरोप है कि अनुसूचित जाति का न होते हुये भी इस जाति के प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे हैं, लेकिन आज तक गजराराजा मेडीकल काॅलेज ने यह प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया है। हालांकि जब आदिमजाति कल्याण विभाग में इस नाम से बने एसटी के जाति प्रमाण पत्र की जांच की गई तो यह साबित हो गया कि उक्त जाति ग्वालियर जिले में अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं आती। उच्च न्यायालय के आदेष पर अपर कलेक्टर ने सर्टिफिकेट की जांच की थी। जिसमें जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था। प्रमाण पत्र ग्वालियर में किसने बनाया यह जांच चल रही है। प्रमाण पत्र फर्जी होने के बाद भी उक्त डाॅ0 के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की बजाय उसे मेडीकल काॅलेज की यह शीर्ष कुर्सी दे दी गई, जो सिस्टम पर सवालिये निषान हैं। डाॅ0 गौर ने नाम में ही अंतर कर गौड़ जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाया है। पुलिस सीएसपी विष्व विद्यालय आकाष भूरिया का कहना हैं कि जीआरएमसी के डीन को एक महीने पहले पुनः पत्र जारी कर डाॅ0 राजेष के दस्तावेज मंगाये गये हैं, ताकि उनकी जांच की जा सके।disputed