फाजिल्का 4 दिसंबर ( सुरिन्द्रजीत सिंह) विश्व दिव्यांग दिवस के मोके पर आज जिला फाजिल्का में एक जिला स्तरीय दिव्यांग दिवस मनाया गया जिसमें अलग-अलग स्कूलों से आए दिव्यांग बच्चों द्वारा नृत्य और देशभक्ति के गीत गाकर लोगों का मन मोह लिया जहां इस जिला स्तरीय दिव्यांग दिवस समारोह में जिला फाजिलका के अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर श्री बलवीर राज सिंह मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल हुए जहां इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आए मेहमानों ने कहा कि दिव्यांग बच्चे भी आम बच्चों की तरह ही है उन्होंने कहा कि यह बच्चे किसी से कम नहीं है यह बच्चे किसी भी मुकाम को हासिल करने की ताकत रखते हैं उन्होंने इन दिव्यांग बच्चों के अध्यापकों और माता पिता को कहा कि इन बच्चों पर खास तौर पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि ये बच्चे अपने आप को किसी से कम ना समझें ।
इस मौके अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर श्री बलवीर राज सिंह ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा ऐसे बच्चों के लिए अलग अलग सहूलतें मुहैया करवाने के लिए विशेष तरह के प्रयास किए जा रहे हैं उन्होंने कहा कि यह बच्चे भी किसी से कम नहीं है उन्होंने कहा कि इन बच्चों के आत्मविश्वास को विशेष तौर पर मजबूती दी जाए ताकि यह बच्चे भी अपने पैरों पर खड़े होकर अपना रोजगार चला सके उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा इन दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष तौर पर एक स्कूल चलाया जा रहा है जिसमें दिव्यांग बच्चों की देखरेख की जा रही है ।
इस मौके कार्यक्रम में अपना नृत्य पेश करने वाली स्कूल इस स्कूल की छात्रा दिव्यांग बच्ची रेखा रानी ने कहा कि वह पहले भी दिल्ली भुवनेश्वर उड़ीसा और कई राज्यों में अपना नृत्य पेश कर अपना और जिले का नाम रोशन कर चुकी है उसने बताया कि वह पिछले 7 सालों से लगातार नृत्य की प्रेक्टिस कर रही है वही इस कार्यक्रम में डांस करने वाले इन दिव्यांग बच्चों की अध्यापिका संदीप कौर ने बताया कि वह जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे प्रयास स्कूल में इन बच्चों को शिक्षा दे रही है उसने कहा कि उसके स्कूल में 50 से ज्यादा ऐसे दिव्यांग बच्चे शिक्षा ले रहे हैं जो कि ना ही सुन सकते है और ना ही बोल सकते हैं और आज भी इन बच्चों ने इस कार्यक्रम में बढ़िया प्रदर्शन किया है उसने कहा कि वह इन बच्चों को सिर्फ इशारों से ही इस तरह डांस करने की शिक्षा दी है और वह इशारों से ही इतना अच्छा सीख रहे हैं उन्होंने कहा कि कुछ भी ना सुन पाने और ना ही बोल पाने वाले बच्चे इशारों की भाषा से सही और जल्दी सब कुछ सीख जाते हैं उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उन्हें भी शिक्षा विभाग में शामिल किया जाए ताकि हजारों दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए पूरे अध्यापक मुहैया हो सके उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण उन्हें शिक्षा देने वाले अध्यापकों की काफी कमी है अगर सरकार इन बच्चों के लिए अध्यापकों की भर्ती करें तो ऐसे बच्चों को भी शिक्षित किया जा सकता है।
फाजिल्का 4 दिसंबर ( सुरिन्द्रजीत सिंह) विश्व दिव्यांग दिवस के मोके पर आज जिला फाजिल्का में एक जिला स्तरीय दिव्यांग दिवस मनाया गया जिसमें अलग-अलग स्कूलों से आए दिव्यांग बच्चों द्वारा नृत्य और देशभक्ति के गीत गाकर लोगों का मन मोह लिया जहां इस जिला स्तरीय दिव्यांग दिवस समारोह में जिला फाजिलका के अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर श्री बलवीर राज सिंह मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल हुए जहां इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आए मेहमानों ने कहा कि दिव्यांग बच्चे भी आम बच्चों की तरह ही है उन्होंने कहा कि यह बच्चे किसी से कम नहीं है यह बच्चे किसी भी मुकाम को हासिल करने की ताकत रखते हैं उन्होंने इन दिव्यांग बच्चों के अध्यापकों और माता पिता को कहा कि इन बच्चों पर खास तौर पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि ये बच्चे अपने आप को किसी से कम ना समझें ।
इस मौके अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर श्री बलवीर राज सिंह ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा ऐसे बच्चों के लिए अलग अलग सहूलतें मुहैया करवाने के लिए विशेष तरह के प्रयास किए जा रहे हैं उन्होंने कहा कि यह बच्चे भी किसी से कम नहीं है उन्होंने कहा कि इन बच्चों के आत्मविश्वास को विशेष तौर पर मजबूती दी जाए ताकि यह बच्चे भी अपने पैरों पर खड़े होकर अपना रोजगार चला सके उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा इन दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष तौर पर एक स्कूल चलाया जा रहा है जिसमें दिव्यांग बच्चों की देखरेख की जा रही है ।
इस मौके कार्यक्रम में अपना नृत्य पेश करने वाली स्कूल इस स्कूल की छात्रा दिव्यांग बच्ची रेखा रानी ने कहा कि वह पहले भी दिल्ली भुवनेश्वर उड़ीसा और कई राज्यों में अपना नृत्य पेश कर अपना और जिले का नाम रोशन कर चुकी है उसने बताया कि वह पिछले 7 सालों से लगातार नृत्य की प्रेक्टिस कर रही है वही इस कार्यक्रम में डांस करने वाले इन दिव्यांग बच्चों की अध्यापिका संदीप कौर ने बताया कि वह जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे प्रयास स्कूल में इन बच्चों को शिक्षा दे रही है उसने कहा कि उसके स्कूल में 50 से ज्यादा ऐसे दिव्यांग बच्चे शिक्षा ले रहे हैं जो कि ना ही सुन सकते है और ना ही बोल सकते हैं और आज भी इन बच्चों ने इस कार्यक्रम में बढ़िया प्रदर्शन किया है उसने कहा कि वह इन बच्चों को सिर्फ इशारों से ही इस तरह डांस करने की शिक्षा दी है और वह इशारों से ही इतना अच्छा सीख रहे हैं उन्होंने कहा कि कुछ भी ना सुन पाने और ना ही बोल पाने वाले बच्चे इशारों की भाषा से सही और जल्दी सब कुछ सीख जाते हैं उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उन्हें भी शिक्षा विभाग में शामिल किया जाए ताकि हजारों दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने के लिए पूरे अध्यापक मुहैया हो सके उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण उन्हें शिक्षा देने वाले अध्यापकों की काफी कमी है अगर सरकार इन बच्चों के लिए अध्यापकों की भर्ती करें तो ऐसे बच्चों को भी शिक्षित किया जा सकता है।