नगर निगम बठिंडा बना भ्रष्टाचार का अड्डा, नगर निगम अधिकारियों की शह पर जारी है अवैध निर्माण। रिशवत बटोरने को अकाली सरकार के दौरान हुए निर्माणों को चुन चुन कर भेजे जा रहे नोटिसों की ली जा रही आड़,

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बठिंडा ( ब्यूरो ) नगर निगम बठिंडा भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गया है। सरकार पर भारी प्रसासनिक अधिकारी एक तरफ पुरानी उसारियों को अवैध बता कर नए अवैध उसारियों को सरंक्षण दे रहा हैं। गौरतलब हो निगम अधिकारी पहले नई इमारत मालिकों से पहले अवैध निर्माण करवा देते हैं उसके बाद एक दो नोटिस निकाल उन्हीं इमारतों के मालिकों से मोटी रकमें वसूलतें आ रहे हैं। कोई नयी सरकार गठित होने पर एवं सरकारी पदों पर आने वाले नए अधिकारी डरावा दे उग्राही करने लगते हैं।
गौर हो कि नगर निगम में हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर एक कमेटी का गठन हुआ था। जिसमें अवैध निर्माणों की जानकारी जुटाने तथा उचित कार्रवाई करने के लिए बताया जाना था। उस कमेटी में बिल्डिंग ब्रांच बठिंडा के तत्कालीन एक्सीअन किशोर बांसल, सुपरिटेंडेंट प्रदीप सिंह, पार्षद हरविन्दर, हरपाल सिंह, शैरी गोपाल, दर्शन बिल्लू, सुखमिन्दर सिंह व गुरबचन सिंह भी शामिल थे। इस कमेटी की अध्यक्षा निगम की डिप्टी मेयर भाजपा नेत्री गुरविन्दर कौर मांगट को चुना गया था। उस वक्त कुल 1150 अवैध निर्माण मई 2017 तक हुए। जिनमें 109 निर्माणों की जानकारी नहीं दी गई। निगम अधिकारियों ने 115 को अवैध निर्माण तथा 34 का सीएलयू बकाया होना बताया था। निगम ने उन 115 अवैध निर्माणों की सूचि भी उक्त कमेटी के सपुर्द की थी। जो कि 23 मई 2017 को तमाम समाचार पत्रों में
प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। लेकिन आज तक उन अवैध निर्माणों पर क्या कार्रवायी की गई इस का किसी ने खुल्लासा नहीं किया। वर्णननीय है कि निगम अधिकारियों की मेहरबानी से आज भी शहर में प्रमुख सडक़ों पर अवैध निर्माण चल रहे हैं। इनमें से माल रोड, हनुमान चौक, गोनियाना रोड, किला रोड, होल सेल दवा मार्कीट, गांधी मार्कीट में पिछले साल से दर्जनभर के करीब तीन मंजिला शोरूम तैयार हुए और काफी आज भी जारी हैं। पिछले 15 महीनों में माल रोड, बिरला मिल रोड, गोनियाना रोड, रेलवे स्टेशन, गांधी मार्कीट तथा शहर में अन्य स्थानों पर भी अवैध निर्माण हुए। हालांकि सभी कुछ निगम अधिकारियों को जानकारी थी लेकिन मुट्ठी गर्म होने के चक्कर में निगम अधिकारी सब कुछ नजरन्दाज कर रहे हैं। निगम के ही सूत्र बतातें हैं कि माल रोड पर डा. ग्रोवर अस्पताल के पास तथा इससे आगे ट्रैफिक लाइटों के पास चार से पांच मंजिला इमारत बन गई। ट्रैफिक लाइटों पर माल रोड व गोनियाना रोड के मिलान स्थल पर बनी उक्त इमारत जो कि चार से पांच मंजिला बनी है तथा नगर निगम की इस पर नजर भी नहीं गई। कुछ ऐसा ही हाल पुराने अवैध निर्माणों का है, जिनमें से दिल की बीमारियों का इलाज करने वाला प्रमुख अस्पताल जो कि पूरी तरह अवैध होते हुए भी जीटी रोड पर बेझिझक चलाया जा रहा है। हालांकि बीबी वाला रोड Áè स्थित 80 फुटी रोड पर निर्मित दो बड़े अस्पतालों को भी सील किया गया था। लेकिन मिलीभगत के चलते वे भी बेखौफ चलाए जा रहे हैं। मई 20127 में गठित उक्त कमेटी ने पंजाब सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी हुआ था, जिसके तहत उस समय तक बने सभी अवैध, नक्शे से ज्यादा बनी इमारतों की कंपाउडिंग फीस जुर्माने सहित भरवा कर रेगुलर करने के दिशा निर्देश दिए थे। लेकिन निगम अधिकारियों ने उन आदेशों की प्रवाह किए बिना नोटिसों की आड़ में रिशवत का गोरखधंधा चला रखा है।
मेयर ने गोलमोल जवाब दे झाड़ा पल्ला-
बठिंडा निगम के मेयर बलवन्त नाथ का कहना है कि किन लोगों ने अवैध उसारियां की है की जांच की जाएगी। जिसके लिए निगम द्वारा कमेटी का गठन कर दिया गया है। जिसमें तैनात कर्मी अवैध निर्माण करने वाले लोगों की सूचि तैयार कर रहे हैं। इससे पहले एक हार्ट सेंटर चला रहे अस्पताल प्रबंधकों
को 50 लाख रुपए का जुर्माना भी किया जा चुका है उसे चेतावनी दी थी कि वह अपनी पार्किंग का बन्दोबस्त करे। कार्पोरेशन को होने वाले नुकसान को सहन नहीं किया जाएगा।