नगर व ग्रामीण के लिए आवश्यक है कालिया खो तालाब योजना

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कुकड़ेश्वर – 29 नवम्बर ( गोपालदास बैरागी ) श्री सहस्त्र मुखेश्वर महादेव की पावन नगरी कृषि एवं पनवाड़ी के धन्धे से जानी पहचानी जाती है । कुकडेश्वर का दुर्भाग्य है कि नगर में एक भी उद्योग या पानी के स्रोत नहीं है  जिसके चलते कृषि एवं पनवाड़ी के  कृषकों को अपनी लागत का  पूरा  लाभ नहीं मिल पाता है शासन चाहिए कितना भी मुआवजा क्यों नहीं देते जहां तक कुकडेश्वर में जल संवर्धन  कहां बड़ा काम या पानी की नहर नहीं आती ये  क्षेत्र पिछड़ता ही जा रहा है कुकड़ेश्वर  में पूर्व में 2006 में मुख्यमंत्री रहते श्री शिवराज सिंह जी चौहान ने इस नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में सिंचाई हेतु कालिया खो ( मोटी खो ) तालाब योजना का भूमिपूजन शिलान्यास 2006 में कुकडेश्वर के शा.बा. उ. मा. वि. प्रांगण में नगर के गौरव पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ,  तत्कालीन सिंचाई मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर जिले के प्रभारी मंत्री रुस्तम सिंह  जी सांसद लक्ष्मी नारायण पांडे, मंत्री व विधायक कैलाश चावला ,  जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह परिहार आदि  प्रदेश व जिले के नेता संगठन के नेताओं एवं प्रशासनिक अमले के बीच किया था ।  लेकिन समय के साथ शिलान्यास का पत्थर ही रह गया और शिलान्यास पत्थर ही शर्म से गायब हो गया लेकिन कुकडेश्वर में कोई भी बड़ी सौगात सिंचाई के नाम पर नहीं मिली अगर घोषणा वीर इस  और गौर करें और किसानों के गांवो  का जल स्तर बढ़ाने और निचले तबको को रोजगार उपलब्ध करा कर पान एवं कृषि क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कुकडेश्वर में कालिया ( मोटी) खो बांध बनना आवश्यक है नगर से लगे ग्रामीण क्षेत्र व नगर में इस वर्ष पानी की समस्या से किसान चिंतित है क्या समस्या पर गौर करेंगे ऐसी मांग कुकडेश्वर व लगे गांवों के ग्रामीण कर रहे हैं अगर समय रहते इस ओर ध्यान दिया तो मनासा सीट भाजपा के खाते में रहेगी आम जन एवं किसानो का  कहना है कि हमें कुछ नहीं चाहिए पानी बिजली बराबर मिले तो हम खुशी रहेंगे वैसे तो मुआवजा और राहत ऊंट के मुंह में जीरा है ।