नाराज पीएस ने पूछा क्यों बंद की ट्रांसफार्मर योजना।

0
1220

ग्वालियर।२४अक्तुबर [सीएनआई] ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव आईपीसी केषरी और सीएमडी संजय शुक्ला ने ग्वालियर रीजन के प्रभारी सीजीएम को निर्देष दिये हैं कि वे सप्ताह में एक दिन श्योपुर में रहें और अवैध ट्रांसफार्मरों को वैध करें, साथ ही ट्रांसफार्मर वैध न करने वाले संबंधित अफसरों की प्रमुख सचिव और एमडी ने रिपोर्ट मांगी है। ग्वालियर रीजन में करीब 5 हजार अवैध ट्रांसफार्मरों से कथित चोरी होने की षिकायत के बाद मामले का खुलासा हुआ है। दरअसल बिजली कंपनी ने किसानों को सिंचाई के लिये स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना चालू की। किन्तु अफसरों ने वर्ष 2011 में अपने निजी स्वार्थ की खातिर उक्त योजना को बंद कर दिया। जबकि प्रषासन के अधिकारी उक्त योजना को चालू बताते हैं, वर्ष 2010 में यह योजना चालू हुई थी, करीब 5 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर किसानों ने लगवा लिये। ग्वालियर रीजन के प्रभारी सीजीएम कप्तान सिंह के आने के बाद वर्ष 2011 में उनके कुछ नजदीकी अफसरों ने इस योजना को कागजों में बंद कर दिया। जबकि शासन से इस योजना को बंद करने का कोई आदेष नहीं आया था। श्योपुर सर्किल में रहने वाले किसान वीरेन्द्र सिंह, अनूप सिंह ने पत्रकारों को बताया कि योजना के तहत उन्होंने और अन्य किसानों ने ट्रांसफार्मर लगाये, इनको वैध करने के लिये जब बिजली कंपनी के तत्कालीन जीएम आरके सिंह राठौर से मिले तो उन्होंने बताया कि यह योजना बंद हो गई। जबकि विधायक श्योपुर दुर्गालाल विजय से मिलने पर बताया कि शासन का ऐसा कोई आदेष नही हैं कि यह योजना बंद हो गई है। दुर्गालाल विजय विधायक का कहना हैं कि बिजली कंपनी के अधिकारी योजना के बंद होने की जानकारी किसानों को देकर भ्रमित किया था। मैंने स्वयं पीएस और सीएमडी से चर्चा की थी, जिसमें श्योपुर में हुई बैठक में 57 हजार में नियमित करने का निर्णय लिया था, लेकिन अभी भी उसमें ढिलाई चल रही है।
दोषियों पर हो कार्यवाही: चौहान – विद्युत विधि विषेषज्ञ दलवीर सिंह चौहान ने सीएमडी, प्रमुख सचिव को एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा है कि स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना बंद नहीं थी, फिर भी बिजली कंपनी के एमडी कार्यालय के कुछ अधिकारियों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए उक्त योजना को बंद कराया। इस योजना के नाम पर किसानों को भ्रमित किया। उन अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही होना चाहिये, ग्वालियर रीजन के प्रभारी, सीजीएम कप्तान सिंह भी अवैध ट्रांसफार्मरों के नियमित न होने के लिए दोषी हैं। प्रभारी सीजीएम कप्तान सिंह का कहना हैं कि सीएमडी और एमडी के आदेष के बाद अवैध ट्रांसफार्मरों को नियमित करने की कार्यवाही के बाद चैकिंग भी कराई जा रही है।mpeb urja vibhag