कुरुक्षेत्र 16 सितम्बर-कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में वर्षों तक आउट सोर्सिंग के माध्यम से सेवा करने के बाद अब कुछ महीने पहले नौकरी से बर्खास्त सैंकड़ों कर्मचारी दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं, इनकी सुनवाई करने वाला कोई नही है, महीनों अपने वेतन व पी एफ के संघर्ष तथा आन्दोलन करने के बाद नौकरी से निकाले गए सैंकड़ों कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कर्मचारी भूखमरी के शिकार है, इनके हालत यह कि घर में खाने को दाने नही हैं, बच्चों की फ़ीस तथा बीमारी के उपचार के लिए भी पैसे नही है
इन कर्मचारियों की सुनने वाला कोई नही है, इन कर्मचारियों के आन्दोलन तथा प्रदर्शन के समय जो नेता राजनीति चमकाने आते थे और भाषण बाजी करते थे और जो अधिकारी आश्वासन देते थे सब नदारद हो गए हैं, आपको बता दें पूर्व कुलपति डा. डी डी एस सन्धु ने उस आउट सोर्सिंग ठेकेदार का ठेका रद्द कर दिया था जिसके माध्यम से यह कर्मचारी लगे थे और इनको आश्वासन दिया गया था कि प्रशासन द्वारा नए आउट सोर्सिंग ठेके में इन्हीं कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी परन्तु महीनों बाद भी अब केवल उम्मीद की किरण में फाके काट रहे, आप को यह भी बता दें इन्ही कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय में पी एफ के करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश किया है
अब यह कर्मचारी नए कुलपति हरदीप कुमार से मिल चुके है वहाँ भी अभी तक न्याय नही मिला, अब इन कर्मचारियों की स्थिति यह है कि ये अब बच्चों के पालन पोषण तथा बीमारी के ईलाज के लिए कहाँ जाएँ