पंजाब यूनिवर्सिटी रीजनल सेंटर द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक क़ानून एवं मध्यस्तता” के शीर्षक तले एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन

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यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ , पंजाब यूनिवर्सिटी रीजनल सेंटर द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक क़ानून एवं मध्यस्तता” के शीर्षक तले एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्धेश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक कानूनों से उद्यमियों, वकीलों एवं लॉ छात्रों को अवगत कराना था। कार्यशाला की संयोजक डा. अमन चीमा (एसोसिएट प्रोफेसर, लॉ) एवं डॉ. आशीष विर्क (एसोसिएट प्रोफेसर,लॉ) रहीं। देश-विदेश से आए प्रख्यात विद्वानों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई एवं छात्रों से अपने अमूल्य विचार साझा किए।
कार्यशाला का शुभारंभ डॉ. बृजेंद्र पटेरिया(प्रबंधक,पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर लुधियाना) द्वारा द्वीप प्रज्वल्लित कर किया गया।  स्ट्रॉस इंस्टिट्यूट ऑफ डिस्प्यूट रेसोल्युशन ऑफ़ पैपरडाइन यूनिवर्सिटी , अमेरिका के प्रबंध-संचालक डॉ.सिमरनजीत सिंह मुख्य-वक्ता के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता कानून से जुड़े कई अहम मुद्दों पर प्रकाश डाला। इसके इलावा कई प्रख्यात विद्वान कार्यशाला में उपस्थित रहे। कार्यक्रम को छः सत्रों में बांटा गया एवं प्रत्येक सत्र को उस सत्र के विशेषज्ञ द्वारा संबोधित किया गया।
पहला सत्र अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक कानून के ऊपर रहा जिसका संबोधन डॉ. रिशम गर्ग (प्रबंधक , सेंटर फॉर ट्रांसनेशनल कमर्शियल लॉ , नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी , नई दिल्ली) द्वारा किया गया। दूसरे सत्र का आयोजन श्री सात्विक शेखर जो कि सेंटर फॉर ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लॉ , वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में एक प्रख्यात विधिक परामर्शक हैं द्वारा किया गया। उन्होंने इ-कामर्स कंपनियों की कार्यप्रणाली एवं डाटा प्राइवेसी लीक होने से उपोभोकक्ता को होने वाले नुकसान के बारे में विस्तृत तरीके से बताया। इस पश्चात आयोजित संवाद सत्र ने श्रोताओं को ना सिर्फ देश-विदेश से आये प्रखर विद्वानों से संवाद करने का अवसर प्रदान किया बल्कि अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों के लेकर उनकी अनेक शंकाओं का समाधान भी किया। श्री संदीप जिंदल (अभिलेख अधिवक्ता , सुप्रीम कोर्ट) , डॉ. जया वासुदेवन (एसोसिएट प्रोफेसर , सेंटर फॉर पोस्ट ग्रेजुएट लीग्ल स्टडीज़ टे.री. स्कूल ऑफ एडवांस स्टडीज़ , नई दिल्ली ) , श्री पुष्कर आनंद ( असिस्टेंट प्रोफेसर , फैक्लटी ऑफ़ लॉ , दिल्ली विश्विद्यालय ) जैसे प्रख्यात विद्वानों ने अपने विचार साझा किए और श्रोताओं के मन में उठने वाले कई सवालों के जवाब दिए। श्रोताओं में मुख्य रूप से छात्र , शोधकर्ता अधिवक्ता एवं उद्यमी मौजूद रहे। नवचेतना चाइल्ड वेल्फेयर फाउंडेशन द्वारा सामाजिक बुराईयों पर आधारित चित्रों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रही। प्रदर्शनी में स्कूल-कॉलेज के छात्रों एवं प्रसिद्ध चित्रकारों द्वारा बनाए गए चित्र शामिल किए गए। कार्यशाला का समापन अतिरिक्त उपायुक्त(विकास)श्रीमति नीरू कतियाल गुप्ता के संबोधन द्वारा किया गया। इस पश्चात संस्थान के प्रबंधक प्रो. रवि इंद्र सिंह एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. अमन चीमा एवं डॉ. आशीष विर्क द्वारा कार्यशाला में आए मेहमानों को स्मृति-चिह्न देकर समानित किया गया। कार्यशाला श्रोताओं के लिए नव-ऊर्जा एवं प्रेरणा का स्रोत बनी।