पंजाब सरकार के पास आतंकवादी हमले में घायल लोगों का हाल चाल पूछने का भी समय नहीं – वेरका

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मुख्यमंत्री द्वारा घोषित मुआवजा अभी तक नहीं मिला दीनानगर आतंकवादी हमले में घायल हुए सरबजोत को।
अमृतसर 30 सितबर (धर्मवीर गिल लाली)राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार वेरका ने पंजाब सरकार को आड़े हाथ लेते हुए साफ़ साफ़ कहा है कि पंजाब सरकार के पास आतंकवाद पीड़ित लोगों का हाल चाल पूछने तक का समय नहीं है। डॉक्टर वेरका दीनानगर में आतंकवादी हमले में घायल हुए सरबजोत कुमार का हाल चाल पूछने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। आतंकवादी हमले में सरबजोत के हाथ में गोली लगी थी और पंजाब के मुख्यमंत्री ने घायल लोगों का इलाज़ मुफ्त करवाने और तीन तीन लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा की थी लेकिन ना तो सरबजोत को तीन लाख मिले और ना ही मुफ्त इलाज़।
घायल सरबजोत और उसके परिवार ने डॉक्टर वेरका के समक्ष गुहार लगाई कि उन्हें इन्साफ दिलाया जाये। डॉक्टर वेरका ने बताया कि पंजाब सरकार सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए जनता के साथ झूठे वादे कर रही है। दीनानगर में इतना बड़ा हमला हो गया और पंजाब सरकार ने बड़े बड़े वादे कर दिए लेकिन आज ही नहीं पिछले काफी समय से ये अकाली सरकार जनता के साथ झूठे वादे करके उन्हें गुमराह करती आई है। असल में  ये सरकार सिर्फ आतंकवादी समर्थक सरकार बनकर रह गयी है। आतंकवादियों की याद में स्मारक बनाना, उन्हें जेलों से छुड़वाना तो इन्हे आता है लेकिन जिन्होंने आतंकवाद के लिए जंग की है, गोलियां खायी हैं, उनके लिए इनके पास समय तक नहीं है। डॉक्टर वेरका ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मांग की है कि वो अपना किया हुआ वादा निभाएं और आतंकवादियों के हाथों घायल हुए लोगों की खबर लें और उनका बनता मुआवजा जल्दी से जल्दी जारी करने के निर्देश दें।
घायल सरबजोत ने बताया कि वो दीनानगर आतंकवादी हमले वाले दिन सुबह सुबह पांच बजे के करीब कार ड्राइविंग सीखने जा रहा था जहाँ रास्ते में आतंकियों ने उस पर गोलियां चलाई। उस पर तीन गोलियां चलाई जिसमें एक गोली उसके हाथ पर लगी। उसे वहां के चौहान हॉस्पिटल में दाखिल किया गया जहाँ उसका एक ऑपरेशन किया गया। मगर आज इतना समय बीतने के बाद भी उसका हाथ चलना शुरू नहीं हुआ। डॉक्टर ने अब एक और ऑपरेशन करने को कहा है। सरबजोत के कहा कि अब तक उनका इलाज़ में एक लाख रूपये के करीब खर्च आ चूका है लेकिन प्रशासन की और से उनको कई मदद नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने उन्हें तीन लाख रूपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी लेकिन एक रुपया तक नहीं दिया गया। गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर से भी वो मिले लेकिन आश्वासन के आलावा उन्हें कुछ भी नहीं मिला। सरबजोत ने कहा कि उनके पिता विजय कुमार एक हलवाई का काम करते हैं और वो खुद कार ड्राइविंग इसलिए सीख रहा था ताकि वो ड्राइविंग को अपना पेशा बना सके। लेकिन उसका हाथ काम नही करता और डॉक्टर एक और ऑपरेशन की बात कर रहा है। पूरा परिवार परेशान है कि अब क्या करें ?IMG-20150928-WA0021