पतिव्रता श्री श्रेष्ठा माता तुलसी जी भगवान शालिग्राम के घर हुई विदा

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पतिव्रता श्री श्रेष्ठा माता तुलसी जी भगवान शालिग्राम के घर हुई विदा
चंडीगढ़ /पंचकुला ; आरके शर्मा /करण शर्मा /मोनिका शर्मा ;—–वर्ष में बारह मास में से कार्तिक मास अति उत्तम फलदाई जीवन मोक्षदय मास जाना जाता है ! कहते हैं देव भी इस मास का इंतजार करते हैं और कार्तिक माह के स्नान हेतु धरा पर पग धरते हैं ये धर्मवत् प्रवचन जीवन को स्वस्थ दीर्घायु बनाने वाली और सात पीढ़ियों के पाप नाशिनी और चौरासी लाख योनियों से मुक्ति दिलवाने वाली माता तुलसी भगवान विष्णु प्रिया का मंगलकारी प्रणय बंधन जगत रचियता शेषनाग पर शयन करने वाले श्री विष्णु भगवान जी के स्वरूप श्री शालिग्राम के साथ सेक्टर 14 स्थित माता वैष्णो हर्ष बाला धाम में धर्म परम्पराओं और पौराणिक कथाओं के रीतिरिवाजों अनुसार बड़ी आस्था श्रद्धा सहित सम्पन्न हुआ ! उक्त अतुलनीय श्री शालिग्राम — तुलसी विवाह श्री समागम में चंडीगढ़, मोहाली और कालका, डेराबस्सी, बरवाला सहित जीरकपुर से आस्थावानों ने शिरकत की ! धर्म प्रज्ञ व् धर्म के मर्म के कर्मज्ञ पंडित राम कृष्ण शर्मा जी ने माता तुलसी के जीवन प्रादुर्भाव और जीवन सेवा कल सहित तप साधना का बखान किया ! शालिग्राम जी से विवाह की पृष्ठभूमि का वृतांत सुनकर सभी ने आस्थावत कन्या दान यथा समार्थ्य अर्पित किया ! कन्या दान मनसा देवी कम्प्लेक्स के वासी गोविन्द परिवार ने किया ! भगवान श्री शालिग्राम जी की बारात घोडा बग्गी रूपी रथ में सवार होकर कन्या पक्ष के निवास स्थान हर्षबाला धाम पहुंची ! जहाँ बरातियों के लिए भव्य स्वागत के बाद जलपान की व्यापक व्यवस्था की गई थी ! धार्मिक श्लोकों के साथ प्रणय बंधन बंधा और फिर विदाई से पूर्व सब ने पंगत में अटूट लंगर प्रशादी ग्रहण किया ! और फिर गाजे बाजों सहित बारात हर्षाते नाचते गाते माता तुलसी की डोली लेकर विदा हुए ! हिमाचल प्रदेश के सोलन [राजगढ़] से ब्रह्मचारी संत रमेश चेतन जी ने भी समागम में अति विशिष्ट अतिथि के नाते शिरकत की और श्री प्रभु नाम सुमिरन और व्याख्या की !