लुधियाना 25 जून (सी एन आई ) प्रजापति ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय पाठशाला लुधियाना की और से सत्य की शक्ति जगदम्बा सरस्वती जी के स्मृति दिवस पर मम्मा डे पर एक समारोह का आयोजन किया गया जिस की अध्यक्ष्ता बी के बहन राजकुमारी द्वारा की गई इस अवसर पर पहुंचे भाई व् बहनो ने सम्बोधित करते हुए बी के दीदी राज रानी ने कहा की मम्मा का जन्म 1919 पंजाब के अमृतसर में हुआ 17 वर्ष की उम्र में ही उन्हें सत्संग में जाकर ज्ञान सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तब से मम्मा ने अपनी जिन्दगी बहुत ही साधारण व् परमात्मा की याद में ब्यतीत करनी शुरू कर दी और बहुत ही जल्द उन्होंने आपने जीवन ज्ञान मार्ग पर चलते हुए विश्व का कल्याण करने के लिए उस परमात्मा को समर्पित कर दिया मम्मा रोजाना सुबह 2 बजे उठकर बहुत प्यार से राजयोग का अभ्यास करती व् परमात्मा की याद में बैठ जाती और अभ्यास के दौरान ही उन की आँखों में परमात्मा की याद में आंसू बहने लगते थे अम्मा पाठशाला में हर उम्र के बच्चे भाई बहन व् बजुर्गो को भोजन करवाने के बाद ही आप भोजन ग्रहण करती थी वो एक सच्चाई की साक्षात मूर्त थी दीदी ने कहा की हम सब को भी उन के बताये मार्ग पर चलते हुए आपने जीवन को सफल बनाना है समारोह के उपरांत पाठशाला की और से भोजन की भी ब्यवस्था की गई थी इस अवसर पर शहर की सभी पाठशालाओं की और से सेंकडो की संख्या में पहुंचे हुए श्रोताओ में समारोह के प्रति इतना उत्साह था की उनके लिए पाठशाला के हाल व् बरामदे में खड़े होने का स्थान भी कम पड़ने लगा था इस अवसर पर बी के सरस दीदी, बी के सुषमा दीदी,बी के मीनाक्षी दीदी, बी के नीलम गुप्ता बी के भाई पवन बतरा बी के भाई हैप्पी सिंह भी उपस्थित थे
लुधियाना 25 जून (सी एन आई ) प्रजापति ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय पाठशाला लुधियाना की और से सत्य की शक्ति जगदम्बा सरस्वती जी के स्मृति दिवस पर मम्मा डे पर एक समारोह का आयोजन किया गया जिस की अध्यक्ष्ता बी के बहन राजकुमारी द्वारा की गई इस अवसर पर पहुंचे भाई व् बहनो ने सम्बोधित करते हुए बी के दीदी राज रानी ने कहा की मम्मा का जन्म 1919 पंजाब के अमृतसर में हुआ 17 वर्ष की उम्र में ही उन्हें सत्संग में जाकर ज्ञान सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तब से मम्मा ने अपनी जिन्दगी बहुत ही साधारण व् परमात्मा की याद में ब्यतीत करनी शुरू कर दी और बहुत ही जल्द उन्होंने आपने जीवन ज्ञान मार्ग पर चलते हुए विश्व का कल्याण करने के लिए उस परमात्मा को समर्पित कर दिया मम्मा रोजाना सुबह 2 बजे उठकर बहुत प्यार से राजयोग का अभ्यास करती व् परमात्मा की याद में बैठ जाती और अभ्यास के दौरान ही उन की आँखों में परमात्मा की याद में आंसू बहने लगते थे अम्मा पाठशाला में हर उम्र के बच्चे भाई बहन व् बजुर्गो को भोजन करवाने के बाद ही आप भोजन ग्रहण करती थी वो एक सच्चाई की साक्षात मूर्त थी दीदी ने कहा की हम सब को भी उन के बताये मार्ग पर चलते हुए आपने जीवन को सफल बनाना है समारोह के उपरांत पाठशाला की और से भोजन की भी ब्यवस्था की गई थी इस अवसर पर शहर की सभी पाठशालाओं की और से सेंकडो की संख्या में पहुंचे हुए श्रोताओ में समारोह के प्रति इतना उत्साह था की उनके लिए पाठशाला के हाल व् बरामदे में खड़े होने का स्थान भी कम पड़ने लगा था इस अवसर पर बी के सरस दीदी, बी के सुषमा दीदी,बी के मीनाक्षी दीदी, बी के नीलम गुप्ता बी के भाई पवन बतरा बी के भाई हैप्पी सिंह भी उपस्थित थे