प्रदेश में मुआवजा न मिलने से किसान कर रहे आत्महत्या।

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ग्वालियर। ८ दिसंबर [सीएनआई ब्यूरो] दिल्ली सरकार ने 50 हजार रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा बांटा है, जबकि म.प्र. में मुआवजा न मिलने से किसान आत्महत्या कर रहे हैं, म.प्र. के अन्दर ग्वालियर अंचल और अन्य जगहों पर बिजली अधिकारियों से उपभोक्ता आतंकित हो रहे हैं। आंकलित खपत विद्युत बिलों में भेजकर मनमाने ढंग से हिटलरषाही की दम पर अवैध बसूली कर रहे हैं। लिमिटेड कंपनी होने के बाद भी बिजली कंपनी के अधिकारी स्वयं को सरकारी बताते हैं और सरकार इन्हें संरक्षण देकर उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करवा रही है। जबकि दिल्ली सरकार प्रति 200 यूनिट ढाई रूपये यूनिट से पैसे ले रही है। जबकि म.प्र. में 7 रूपये की दर से उपभोक्ता भुगतान कर रहा है। आम आदमी कार्यकर्ता सम्मेलन में म.प्र. के प्रमुख सचिव अक्षय हुंका ने उक्त विचार व्यक्त किये और कहा कि दिल्ली के कार्यों को प्रचारित करें। किसानों की आत्महत्याएं रोकें, बिजली अधिकारियों की हिटलरषाही रोकें तथा वे सरकारी हैं या नहीं यह भी सरकार स्पष्ट करे। जिला पर्यवेक्षक सपन भारद्वाज ने कहा कि 12 दिसम्बर को संजय सिंह राष्ट्रीय प्रवक्ता की आमसभा ग्वालियर में होगी, अधिक से अधिक पहुंचें। इस अवसर पर रतन दुबे, राजीव खरे, तेजपाल रावत, सुनील अगरैया, राकेष सड़ैया, श्रीमती फूल कुंअर, मोतीराम कदम आदि उपस्थित थे।aap logosuside fansimpeb urja vibhag