ग्वालियर २३ सितम्बर [सी एन आई ]विकासखंड़ डबरा एवं भितरवार में शासन द्वारा चलाई जा रही कि सान अनुदान योजना बजट के अभाव मेे कई महीनां से बंद पडी हुई है । कई किसानों ने इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन विद्युत वितरण कम्पनी में दे रखे है,मगर ये आवेदन अधिकारियों की टेवल पर धूल खा रहे है । अधिकारी कि सानों क ो यह कहकर लौटा देते है कि यह योजना शासन की ओर से बंद कर दी गई है, जिसके कारण किसानों को बरगलाने क ा काम अब विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी कर रहे है, जिसके चलते किसानों को समृद्ध और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किसानों के हितों के लिए चालू क ी गई किसान अनुदान योजना विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारियोंं के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण बंद पडी हुई है और किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए दर – दर की ठोकरे खा रहा है ।
दरअसल,प्रदेश के मुखिया ने विद्युत वितरण कम्पनी ने किसानों के हितो को देखते हुए उन्हें समृद्ध बनाने के लिए किसान अनुदान योजना चालू की थी जो कि योजना बजट के अभाव में पूर्णत: बंद पडी हुई है, जिसके चलते किसानो को लाभ की बात तो दूर योजना का लाभ लेने के लिए किसानों द्वारा अधिकारियोंं के यहां अनुदान योजना की अपीले और फाइले धूल खा रही है । यह योजना मध्य प्रदेश शासन ने किसानों को समृद्ध बनाने के लिए की थी, इस योजना के तहत किसान को 75 प्रतिशत मनी मार्जन सरकार की ओर से मिलता है और 25 प्रतिशत किसान को खुद की ओर से कम्पनी में जमा करने पड़ते है । योजना मंजूर होते ही किसान के खेतों पर ट्रान्सफार्मर नियमानुसार विद्युत वितरण कम्पनी लगाती है जिससे किसान को खेती की सिंचाई के लिए किसी का मुहं नहीं ताकना पड़ता है और किसान को समय पर विद्युत मिले तो इस योजना के तहत वह धीरे धीरे समृद्ध होता चला जाता है । मगर वर्तमान परिवेश में अधिकारियों की हिटलरशाही और तानाशाही तथा लचर रवैये के कारण यह योजना वर्तमान में धरातल पर लागू नहीं हो पाई ।
किसान समृद्धों इसलिए मुख्यमंत्री ने चलाई थी अनुदान योजना…….
दिग्विजय सरकार का तख्ता पलट के बाद भाजपा की वरिष्ठ नैत्री उमा भारती के नेतृत्व वाली सरकार प्रदेश में बनी उस बक्त किसानों को सरकार से बडी आशाए जाग्रत हुई, मगर उमा भारती के इस्तीफे देने के बाद जब सत्ता की कमान प्रदेश के मुखिया बने शिवराज सिंह चौहाने ने संभाली तो उन्होंने सबसे पहले किसानों को समृद्ध बनाने के लिए तत्काल किसान अनुदान योजना चालू की, जिसका लाभ किसानों को कुछ समय के लिए मिला, परन्तु आज बजट के अभाव में बंद पडी हुई है ।
कई फाइले अनुदान योजना की धूल खा रही है अधिकारियों के ऑफिस में
धान का कटोरा कहे जाने वाला डबरा अंचल का किसान विद्युत अधिकारियों की हिटलरशाही के आगे मजबूर बना हुआ है, किसानों के द्वारा किसान अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए कई फाइले तैयार करने के बाद किसानों ने अधिकारियों की टेवल पर रखी मगर वे फाइले धूल खा रही है ।
75 प्रतिशत शासन को देना होती है मनीमार्जन इस योजना में ………
प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी योजना किसान अनुदान योजना मेंं 75 प्रतिशत मनीमार्जन राशि सरकार जमा करती है, और 25 प्रतिशत किसान को जमा करनी पड़ती है, मनी मार्जन जमा होते ही किसान के खेतों पर बैध ट्रान्सफार्मर कनेक्शन सहित रखवाना योजना में शामिल है जो योजना वर्तमान में बंद पडी है ।
इनका कहना……
भाजपा की सरकार में योजना तो तत्काल बनती है लेकिन योजना का लाभ कितने लोगों को मिलता है यह तो अनुदान योजना को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है ।
कोमल साहू, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष
किसान अनुदान योजना का लाभ किसानों को नहंीं मिल रहा है अधिकारियों के पास जाओ, तो वह किसानों को यह कहकर लौटा देते है कि योजना बंद हो चुकी है, जबकि हकीकत कुछ और है जिसे अधिकारी किसानों को बताना नहीं चाहते, अंचल का किसान योजना के लिए एक वर्ष से भटक रहा है ।
लोकेन्द्र गुर्जर, अध्यक्ष जल संसाधन उपभोक्ता
भाजपा सरकार में विद्युत वितरण कम्पनी किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है । किसानों के लिए शासन द्वारा बनाई गई किसान अनुदान योजना पूर्णत:बंद पडी है, यह अधिकारियोंं की लचर कार्यप्रणाली की देन है, प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस योजना को लेकर किसानों के हितों में संवेदन शीलता दिखाना चाहिए, अन्यथा योजनाएं तो रोज बनती है और रोज बंद होती है । किसानों को लाभ कितना मिलता है यह अनुदान योजना को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है ।
राजकुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष नपा. डबरा
किसान अनुदान योजना बजट न होने के कारण बंद है कम्पनी की ओर से सरकार के लिए बजट के लिए रिमांडर भेजा जा चुका है जैसे ही बजट स्वीकृत हेाता है योजना चालू हो जाएगी ।
विवेक पोरवाल, सीएमडी म.प्र.वि.वि.क.लि. भोपाल