कांगड़ा 10 सितम्बर (गगन -इन्दौरा) ठाकुर राम गोपाल मंदिर डमटाल के अतिक्रमण को जल्द हटाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी एवं यह एक ऐतिहासिक मंदिर है और इसके इतिहास को बनाए रखने के लिए इसका नवीनीकरण उसी तर्ज पर होगा जिस प्रकार से इसका स्वरूप है। यह बात आई. ए. एस. अधिकारी एवं ठाकुर राम गोपाल मंदिर डमटाल के सहायक आयुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने एक अनौपचारिक भेंटवार्ता में बताई। उन्होंने बताया कि मंदिर के निर्माण कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने दो अलग-अलग टेंडर स्वीकृत किए हैं। मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य हेतु एक टेंडर एक करोड़ 51 लाख, 81 हजार 550 रुपये की राशि का है और इसे हेरिटेज कंजरवेशन मैनेजमेंट नोएडा 18 माह में पूरा करेगी, जबकि दूसरा टेंडर कंजरवेशन ऑफ ओल्ड पेंटिंग्स के कार्य के लिए जारी किया है। इसे एएओ मोनूमेंटस गाजियाबाद पूरा करेगी। 47 लाख, 43 हजार, 943 की धनराशि से इस मंदिर की चित्रकला व भित्तीचित्रों को पुनः जीवंत करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए 12 माह का समय निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर की दीवारों पर की गई चित्रकला को सहेज कर रखा जाएगा और इसकी पुरातन सुंदरता को बरकरार रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है। उल्लेखनीय है कि एस. डी. एम. नूरपुर राकेश प्रजापति के सतत प्रयासों से मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य को सरकार से हरी झण्डी मिली है, जिसके 175 लाख रुपये के जीर्णोद्धार कार्य का गत दिवस माननीय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा शिलान्यास किया गया।
कांगड़ा 10 सितम्बर (गगन -इन्दौरा) ठाकुर राम गोपाल मंदिर डमटाल के अतिक्रमण को जल्द हटाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी एवं यह एक ऐतिहासिक मंदिर है और इसके इतिहास को बनाए रखने के लिए इसका नवीनीकरण उसी तर्ज पर होगा जिस प्रकार से इसका स्वरूप है। यह बात आई. ए. एस. अधिकारी एवं ठाकुर राम गोपाल मंदिर डमटाल के सहायक आयुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने एक अनौपचारिक भेंटवार्ता में बताई। उन्होंने बताया कि मंदिर के निर्माण कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने दो अलग-अलग टेंडर स्वीकृत किए हैं। मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य हेतु एक टेंडर एक करोड़ 51 लाख, 81 हजार 550 रुपये की राशि का है और इसे हेरिटेज कंजरवेशन मैनेजमेंट नोएडा 18 माह में पूरा करेगी, जबकि दूसरा टेंडर कंजरवेशन ऑफ ओल्ड पेंटिंग्स के कार्य के लिए जारी किया है। इसे एएओ मोनूमेंटस गाजियाबाद पूरा करेगी। 47 लाख, 43 हजार, 943 की धनराशि से इस मंदिर की चित्रकला व भित्तीचित्रों को पुनः जीवंत करने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए 12 माह का समय निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि मंदिर की दीवारों पर की गई चित्रकला को सहेज कर रखा जाएगा और इसकी पुरातन सुंदरता को बरकरार रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है। उल्लेखनीय है कि एस. डी. एम. नूरपुर राकेश प्रजापति के सतत प्रयासों से मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य को सरकार से हरी झण्डी मिली है, जिसके 175 लाख रुपये के जीर्णोद्धार कार्य का गत दिवस माननीय मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा शिलान्यास किया गया।