राष्ट्रीय एकता दिवस के नाम पर फोटो खिंचवाई, नेशनल युनिटी रन ( राष्ट्रीय एकता दौड़) को झंडी दी, रिफ्रेशमेंट लेते हुए अपने अपने वाहनों में सवार हो घरों को लौट गए।

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बरनाला, 31 अक्टूबर (अखिलेश बंसल/विपन गुप्ता) प्रधानमंत्री ने भी दिलाई पहले सभी को शपथ:
लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की महानताओं को याद करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरिन्दर मोदी ने भी 31 अक्तूबर की प्रात: एकता दौड़ में भाग लेने वालों को पहले देश की एकता बनाए रखने के लिए शपथ दिलाई। जिसका सीधा प्रसारण कई चैन्नलों से हुआ। इसी तरह जिला बरनाला के नजदीकी जिला लुधियाना व बठिंडा तथा पटियाला में भी राष्ट्रीय एकता दौड़ में भाग लेने वालों को स. वल्लभ भाई पटेल के बारे में बताया गया , लेकिन बरनाला में पहुंचे अधिकारियों ने 10 किलोमीटर, 5 किलोमीटर तथा डेढ़ किलोमीटर की दौड़ में भाग लेने पहुंचे करीब डेढ़ सौ बच्चों के अलावा सिविल व पुलिस प्रशासन तथा विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को झंडी दे, कालामहर स्टेडियम पहुंच रिफ्रेशमेंट लिया और अपने-अपने वाहनों में सवार हो वापिस लौट गए। जिला प्रशासन की ओर से एडीशनल डिप्टी कमिशनर अरविन्द पाल सिंह संधू, एसडीएम बरनाला संदीप कुमार आईएएस, सहायक कमिशनर डा. हिमांसू गुप्ता, जिला पुलिस विभाग की ओर से एसपी (एच) जगतप्रीत सिंह, डीएसपी राजेश छिब्बर,
पीपीसीसी के उपाध्यक्ष केवल सिंह ढिल्लों के पीए गुरजीत सिंह बराड़, डीईओ राजवन्त कौर, युवक सेवाएं विभाग के सहायक डायरेक्टर विजय भास्कर, जिला खेल अधिकारी रविन्दर सिंह, एईओ निरपजीत सिंह, रैडक्रॉस सचिव विजय गुप्ता,आदि शामिल हुए।
ग्रहण करनी थी ये शपथ :
”मैं शपथ लेते हुए वायदा करता हूँ कि मैं राष्ट्र की एकता, आखंडता और सुरक्षा को बरकरार रखने के लिए अपने आप को समर्पित करूँगा और अपने देशवासियों में यह संदेश फैलाने का भी हर संभव यत्न करूँगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता व राष्ट्रीयता के लिए ले रहा हूँ, जिसे सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदरशता और कामों द्वारा संभव बनाया जा सका था। मैं अपने देश की अंदरूनी सुरक्षा यकीनी बनाने के लिए अपना योगदान डालने का भी वायदा करता हूँ।”
भारत के सर्वप्रथम उप-प्रधानमंत्री थे लौह पुरुष स. पटेल: किसान परिवार में पैदा हुए सरदार वल्लभ भाई पटेल वे वरिष्ठ वकील, वरिष्ठ राजनीतीवान, भारत की राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिक दल के मुख्य पदाधिकारी थे। आकाादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत की भू-राजनीतिक एकाकरण करने को लेकर बिना खून बहाए केन्द्रिय भूमिका निभाने पर स. पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौहपुरुष की उपाधी दी गई थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर स. पटेल ने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में भाग लेना शुरू किया था। स्वतंत्र होने के बाद भारतवर्ष को शक्तिशाली बनाने एवं एकता व अखंडता कायम रखने के लिए स. पटेल को उप-प्रधानमंत्री, गृह मंत्री तथा रियास्तों का एकीकरण करने का पदभार दिया। अंग्रेजों ने भारत को खंडित रहने देने को लेकर रियास्तों को आजाद रखने का जो बीज बोया था उसे लौह पुरुष ने जड़ से खत्म करने की ठान ली थी। केवल जम्मू-काशमीर को छोड़ जूनागढ़ और हैदराबाद समेत 562 छोटी बड़ी रियास्तों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एक्ता का निर्माण किया था। स. पटेल को मरणोपरान्त वर्ष 1951 के दौरान भारत रत्न का सम्मान मिला था।