लाइन कटवाई एसई ने, बलि का बकरा बना डीजीएम

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ग्वालियर२५अक्तुबर [सीएनआई] । बिजली कंपनी के ओएण्डएम के डबरा के डीजीएन नितिन छीपा को करंट चार्ज मिले, करीब 6 माह ही हुये थे कि पास के गांस हासखेड़ी की बिजली लाइन जो डबरा शहर से जुड़ी थी, को काटना महंगा पड़ गया। उक्त क्षेत्र की लाइट डबरा शहर से जुड़ी होने के कारण किसान पूरे समय कृषि पंप चलाते थे, जिससे डबरा के शहरी क्षेत्र में खपत बढ़ गई और कंपनी को उस अनुपात में पैसा नहीं मिला। जिससे कंपनी को घाटा होने लगा। फिर इस बात की खबर एसई एनएस सत्रे को लगी तो उन्होंने इंचार्ज डीई डबरा डिवीजन नितिन छीपा को हासखेड़ी गांव की लाइन काटकर ग्रामीण क्षेत्र की लाइन से जोड़ने को कहा। डीई नितिन छीपा ने वैसा ही किया, लेकिन हासखेड़ी के किसानों ने पता लगते ही जनप्रतिनिधियों के पास षिकायत की। जिस पर कंपनी पर दबाव पड़ा कि लाइन डबरा शहर से जोड़ दी जाये, अधिक दबाव आने पर डीई को लाइन को पुनः जोड़ना पड़ा। यह बात पता लगते ही एसई ने डीजीएम को दंडित करते हुये उसका ट्रांसफर षिवपुरी कर दिया। 21 अक्टूबर 2015 को आदेष जारी कर दिये हैं। उनकी जगह राजमालवीय को डीजीएम का करंट चार्ज दिया गया है। जबकि राजमालवीय को एई बने अभी पूरे 5 साल नहीं हुए हैं। राजमालवीय से वरिष्ठ सहायक यंत्री लाइन में बैठे हैं। बताया जाता है कि बड़े स्तर पर करंट चार्ज का खेल लंबे समय से बिजली कंपनी में चल रहा है। जहां वरिष्ठों को दरकिनार कर कनिष्ठों को चार्ज दे दिया जाता है।bijli chor